राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने आज राजभवन से आॅल इंडिया बैंक पेंशनर्स एंड रिटायरिस कन्फेडरेशन (एआईबीपीएआरसी) की गवर्निंग काउंसिल की आॅनलाइन बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि बैंकिंग क्षेत्र आज एक नए दौर से गुजर रहा है और पारंपरिक बैंकिंग डिजिटल बैंकिंग में बदल गई है। इस तरह, प्रौद्योगिकी भारत को एक कैशलेस अर्थव्यवस्था में बदलने में सहायक सिद्ध हो रही है।
राज्यपाल ने कहा कि बैंक कर्मियों ने अपनी सेवाओं के दौरान देश की वित्तीय स्थिति को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि पूरे भारत में बैंकिंग क्षेत्र में लगभग 7 लाख पेंशनभोगी हैं, जिनमें राष्ट्रीकृत बैंकों के 4.75 लाख और एसबीआई के लगभग 2.25 लाख पेंशनभोगी हैं। उन्होंने कहा कि एआईबीपीएआरसी और एसबीआई पेंशनर्स एसोसिएशन (एसबीआईपीए) अपने लम्बित मामलों को हल करने के लिए 3 दशकों से संघर्ष कर रहे हैं, जिसमें पेंशन अपडेट, पारिवारिक पेंशन सुधार, नवम्बर, 2002 से पूर्व रिटायरियों के लिए शतप्रतिशत डीए न्यूटीलाईजेशन और रिटायर लोगों के लिए चिकित्सा बीमा योजना भी शामिल है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नए भारत की सोच के साथ आत्मानिर्भर भारत अभियान शुरू किया है। उन्होंने कहा कि भारत में कोविड-19 महामारी से लड़ने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये का विशेष आर्थिक पैकेज आवंटित किया गया है। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य देश और उसके नागरिकों को सभी प्रकार से स्वतंत्र और आत्मनिर्भर बनाना है। बैंकों के माध्यम से प्रधानमंत्री जन धन योजना, जन धन से जन सुरक्षा, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, अटल पेंशन योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, स्टैंड अप इंडिया योजना और प्रधानमंत्री वय वंदना योजना जैसी योजनाओं को लागू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं को प्रभावी बनाने में, हमारे बैंक कर्मी दिन-रात काम कर रहे हैं ताकि उनका लाभ आम आदमी तक पहुँच सके।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने कर्मचारियों के मामलों को हर स्तर पर हल किया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि लंबे समय से लंबित उनकी मांगों को शीघ्र हल किया जाएगा।
इससे पूर्व एआईबीपीएआरसी के अध्यक्ष के.वी. आचार्य और सीबीपीआरओ के संयोजक ने राज्यपाल का स्वागत किया और एसोसिएशन की विभिन्न मांगों की विस्तृत जानकारी दी।