देश में पूर्ण टीकाकरण कवरेज में हिमाचल ने शीर्ष स्थान हासिल किया

0
3

मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन हिमाचल प्रदेश डाॅ. निपुण जिंदल ने आज यहां बताया कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (एनएफएचएस) की रिपोर्ट के अनुसार हिमाचल प्रदेश ने देश के सभी राज्यों में उच्चतम पूर्ण टीकाकरण 89.3 प्रतिशत दर्ज किया है। पिछले सर्वेक्षण के अनुपात में इसमें 20 प्रतिशत का सुधार दर्ज किया गया है।
भारत सरकार द्वारा समय-समय पर राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण किया जाता है। यह जनसंख्या, स्वास्थ्य और पोषण के संबंध में प्रत्येक राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों के आंकड़ों पर आधारित होता है। भारत सरकार ने हाल ही में राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 की रिपोर्ट जारी की है, जो वर्ष 2019-20 में एकत्रित आंकड़ों के आधार पर है। पिछला राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4, 2015-16 में आयोजित किया गया था।
डाॅ. निपुण जिंदल ने बताया कि पूर्ण टीकाकरण कवरेज 12 से 23 महीने की आयु के बच्चों की संख्या के आधार पर की जाती है, जिनका यूनिवर्सल टीकाकरण कार्यक्रम के अन्तर्गत सभी बीमारियों का टीकाकरण सुनिश्चित किया गया हो।
उन्होंने बताया कि यह सुधार, दृढ़ प्रयासों और विभिन्न तकनीकी हस्तक्षेपों जैसे छूटे हुए बच्चों की सूची इत्यादि तैयार करके उनका टीकाकरण करने से संभव हुआ है। साथ ही आम आदमी में जागरूकता में बढ़ौतरी के कारण भी इसमें सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि टीकाकरण में इस वृद्धि से अंडर-5 मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर में कमी आई है। एसआरएस-2018 के आंकड़ों के अनुसार यह क्रमशः 23 और 19 पर आ गई है।
मिशन निदेशक ने बताया कि भारत सरकार से प्राप्त सूचना के अनुसार, हिमाचल प्रदेश को ऐसे राज्यों की सूची से हटा दिया गया है, जहां टीकाकरण में चिन्हित कमियों पर आधारित मिशन इन्द्रधनुष चलाया जाना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश ऐसे चार राज्यों की सूची में शामिल है, जिनमें किसी भी जिले में कोविड-19 महामारी के कारण टीकाकरण में कोई अन्तर नहीं आया है।
उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष जिला चम्बा को टीकाकरण के लिए ड्राॅप-आउट और मिस-आउट कमियों के कारण मिशन इन्द्रधनुष जिले के रूप में चिन्हित किया गया था। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग व जिला चम्बा प्रशासन के दृढ़ प्रयासों से इस कार्य में 100 प्रतिशत से अधिक प्रगति दर्ज की गई।
डाॅ. निपुण जिन्दल ने बताया कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 में अधिकांश स्वास्थ्य सूचकांकों में सुधार हुआ है। परिवार नियोजन की कुल अपूर्ण (अनमैट) आवश्यकता लगभग 15.7 प्रतिशत से कम होकर 7.9 प्रतिशत हो गई है और संस्थागत प्रसव की दर 76.7 प्रतिशत से 88.2 प्रतिशत हो गई है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने यह सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ प्रयास किए हैं कि कोविड-19 महामारी के दौर में स्वास्थ्य सुविधाएं प्रभावित न हों।

Share this News

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here