वृतियों को रोकना ही योग, योग के समान कोई बल नहींः- गोविंद ठाकुर
हिमाचल प्रदेश योगासन खेल संघ मनाली द्वारा आयोजित 33 दिवसीय योग प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन कार्यक्रम में शिक्षा, भाषा कला एवं संस्कृति मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने वर्चुअली माध्यम से बतौर मुख्यातिथि शिरकत की।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि वृतियों को रोकना ही योग है। व्यवहारिक स्तर पर योग शरीर, मन व भावनाओं को संतुलित करने तथा तालमेल बनाने का एक साधन है। उन्होंने कहा कि अध्यात्मिक स्तर पर योग से जुड़ने का अर्थ है सार्वभौमिक चेतना के साथ व्यक्तिगत चेतना का एक होना।
उन्होंने कहा कि योग जीने की कला तथा विज्ञान है। योग शारीरिक स्तर पर, मानसिक, भावनात्मक तथा अध्यात्मिक स्तर पर सबसे पहले लाभ पहुंचाता है। उन्होंने कहा कि असत्य के समान कोई पाप नहीं, योग के समान कोई बल नहीं , ज्ञान के समान कोई बंधु नहीं तथा अज्ञान के समान कोई शुत्रु नहीं है। योग एक मन का शास्त्र है जिसमें मन को सयमित कर पाश्विक वृतियों से छुटकारा पाना सिखाया जाता है।