योग एक शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक अभ्यास है, जिससे शांति, आत्मविश्वास और शक्ति मिलती है। साथ ही योग मनुष्य को प्रकृति से भी जोड़ता है। योग भारतीय मनीषियों द्वारा प्रदत्त वह पुरातन ज्ञान है, जो भारतीय परम्परा व समृद्ध संस्कृति का अभिन्न अंग बन चुका है। हमारी इस समृद्ध धरोहर को सम्पूर्ण विश्व में मान्यता प्राप्त हुई है। योगाभ्यास से अनेक विकारों व असाध्य रोगों का इलाज सम्भव है।
योग का नियमित अभ्यास करने वाले व्यक्ति के रक्तशोधन व परिसंचरण में सुधार के साथ-साथ इससे तंत्रिका प्रणाली को सामान्य करने में भी सहायता मिलती है। यह व्यक्ति के शरीर, मन, भावनाओं व ऊर्जा को नियंत्रित करने में भी सहायक है।हिमाचल प्रदेश सरकार स्वस्थ जीवनशैली को प्रोत्साहित करने के लिए योग को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है। वर्तमान परिपेक्ष्य में तनाव एवं व्यस्त जीवनशैली के कारण हमारे स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है, जिसके निवारण के लिए योग एवं आयुर्वेद वरदान रूप हैं। स्वस्थ जीवन जीने के लिए शरीर को सकारात्मक और मानसिक उर्जा की आवश्यकता होती है जो योग एवं आयुर्वेद से प्राप्त होती है।आज पूरा विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा है। इस वायरस को समाप्त करने वाली कोई विशेष दवा भी नहीं है। ऐसे में हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है, जिसे कुछ दिन गोली खाकर नहीं बढ़ाया जा सकता। इन परिस्थितियों में योग व आयुर्वेद की भूमिका बहुत ही कारगर सिद्ध हुई है।
कोरोना काल में लोगों ने आयुर्वेद का प्रयोग करते हुए योग प्राणायाम के नियमित अभ्यास से जहाँ एक ओर लोगों में संक्रमण को रोग में बदलने से रोका है वहीं दूसरी और बीमार पड़ने पर रोग की गंभीरता को कम करके रोगी को शीघ्र ही रोग मुक्त भी किया है।सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए उत्पन्न हुए इस संकट ने प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने और स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के महत्व को रेखांकित किया है। प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में योग की प्रभावशीलता कई अध्ययनों से साबित हो चुकी है। योग शारीरिक व्यायाम, सांस लेने के अभ्यास और एकाग्रता की बेहतरी का एक संयोजन है जिससे शरीर और दिमाग सुदृढ़ होता है, जिसके फलस्वरूप हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है। योग आसन कईं प्रकार के हैं, जिनमें शवासन और शसाकासन से तनाव कम होता है और हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली की रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है। प्राणायाम जैसे श्वसन अभ्यास से हमारा श्वसन तंत्र मजबूत बनता है और फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है।
त्रिकोणासन से रक्त के संचरण में सुधार होता है और सभी अंगों का बेहतर कामकाज सुनिश्चित होता है। इसलिए योग का अभ्यास न केवल प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में सहायक है, बल्कि यह मानव शरीर के समग्र स्वास्थ्य के लिए भी आवश्यक है।आज योग का महत्व और भी अधिक बढ़ गया है। जहां एक तरफ योगाभ्यास से स्वस्थ मनुष्य अपने शारीरिक और मानसिक तनाव को नियंत्रित कर रहे हैं, वहीं रोगी भी शीघ्र स्वस्थ होने के लिए योग को अपना रहे हैं। प्रदेश सरकार द्वारा ‘आयुष घर द्वार’ कार्यक्रम चलाया जा रहा है। यह पूरे देश में योग पर आधारित अनूठा प्रयास है।
आयुष विभाग द्वारा आर्ट आॅफ लिविंग संस्था, योग भारती संस्था, विवेकानंद योग केंद्र आदि के समन्वय से चलाए जा रहे इस कार्यक्रम में होम आइसोलेशन में रह रहे कोविड संक्रमित व्यक्तियों और सामान्य जनता को व्हाट्सऐप व जूम के माध्यम से प्रतिदिन योग एवं प्राणायाम करवाया जाता है, ताकि वे मानसिक तनाव से बचकर शीघ्र स्वस्थ हो सकें और बेहतर जीवन जी सकें। इस कार्यक्रम के माध्यम से लगभग 1327 व्हाट्सऐप ग्रुप बनाकर लगभग 53000 लोगों को योग एवं प्राणायाम का अभ्यास करवाया गया तथा योग का चिकित्सकीय महत्व समझाया गया।
योग को प्रत्येक व्यक्ति के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों के फलस्वरूप संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 21 जून अर्थात् ग्रीष्म संक्रांति के दिन अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया गया, जिसे 21 जून, 2015 को आरम्भ किया गया। योग दिवस का आयोजन सम्पूर्ण विश्व में हर वर्ष इसी दिन किया जाता है। प्रदेश में भी पिछले छः वर्षों से अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। वर्तमान में सम्पूर्ण विश्व कोविड-19 महामारी के संकट से जूझ रहा है। इसके दृष्टिगत, वर्तमान परिस्थितियों में सामूहिक समारोह आयोजित नहीं किए जा रहे हैं। इसलिए सरकार द्वारा ‘घर पर योग, परिवार के साथ योग’ को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
इस वर्ष भी पिछले वर्ष के अनुरूप ही वर्चुअल माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का थीम ‘योगा फोर वेलनेस’ निर्धारित किया गया है, जिसका अभिप्राय है ‘स्वास्थ्य के लिए योग’।लोग नित्य योगाभ्यास कर योग को अपने जीवन का अभिन्न अंग बना कर प्रदेश सरकार के प्रयासों में सहयोग कर सकते हैं। हम योग को अनुशासित ढंग से अपनाकर न केवल शारीरिक रोगों पर विजय प्राप्त कर सकते हैं, अपितु अपने जीवन को सकारात्मक ऊर्जा से भी भर सकते हैं।