राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने आज धर्मशाला में जिला रेडक्रॉस सोसायटी कांगड़ा व जिला प्रशासन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में क्षयरोग (टीबी) अनाथ बच्चों के लिए संवेदना किट कार्यक्रम व कांगड़ा निःक्षय किट कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर राज्यपाल ने 100 अनाथ बच्चों के लिए शैक्षिक किट और रोगियों को 1000 निःक्षय किट वितरित किए।
राज्यपाल ने जिला प्रशासन को शेष सभी टीबी रोगियों को 15 दिनों के भीतर गोद लेने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इस तरह की गतिविधियों में आम लोगों को शामिल कर उनकी भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए।
उन्होंने सरकारी कर्मचारियों को अनुकूलन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए भी कहा। https://www.tatkalsamachar.com/shimla-congress-committee-4/ उन्होंने यह भी कहा कि राज्य ने 2024 तक राज्य में टीबी के पूर्ण उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया है।
इससे पहले, उपायुक्त डॉ. निपुण जिंदल ने जिले में टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के माध्यम से क्रियान्वित की जा रही निःक्षय और संवेदना किट से संबंधित गतिविधियों और कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने निःक्षय मित्र के साथ समय-समय पर हुए विचार-विमर्श और संवाद के बारे में भी अवगत कराया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. गुरदर्शन गुप्ता ने निःक्षय मित्र के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि 1321 टीबी रोगियों ने अपनी सहमति प्रदान कर दी है, जिनमें से 564 को गोद लिया जा चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि 121 को व्यक्तिगत रूप से अपनाया गया है।
साई एसोसिएशन, रोटरी क्लब और जिला रेडक्रॉस के प्रतिनिधि भी इस अवसर पर उपस्थित थे।