Shimla:  हिमाचल में मंत्री और विधायक हर साल बताएंगे अपनी संपत्ति, सुखू का कहना

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    Ministers and MLAs in Himachal declare their assets every year, says Sukhu

    प्रदेश में सड़कों की कनेक्टिविटी हिमाचल की नई सरकार की प्राथमिकता में है। सीएम (CM) सुक्खू बोले कि मंत्रियों पर हाईकमान को ही निर्णय लेना है। जो मंत्री बनेंगे, उनकी परफॉर्मेंस देखी जाएगी। हिमाचल में मंत्री, विधायक और सब चुने हुए प्रतिनिधि हर साल अपनी संपत्ति बताएंगे।

    हिमाचल प्रदेश के नवनियुक्त मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu) ने सोमवार को राज्य सचिवालय में पदभार ग्रहण कर लिया। उन्होंने दो टूक कहा कि उनकी प्राथमिकता पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन देने की होगी। प्रदेश में सड़कों की कनेक्टिविटी उनकी प्राथमिकता में रहेगी। https://www.tatkalsamachar.com/hp-cm-sukhwindersinghsukhu/ मंत्रियों पर हाईकमान को ही निर्णय लेना है। जो मंत्री बनेंगे, उनकी परफॉर्मेंस देखी जाएगी। हिमाचल में मंत्री, विधायक और सब चुने हुए प्रतिनिधि हर साल अपनी संपत्ति बताएंगे। 

     छात्र राजनीति के समय तो यह सोचते थे कि पार्षद का टिकट मिल जाए या विधायक का टिकट मिल जाए। तब काउंसलर के टिकट भी हाथ के निशान से होते थे। विधायक बनने के बाद ही यह विचार आया कि मुख्यमंत्री (Chief Minister) भी बना जा सकता है। 

    हिमाचल में रोड कनेक्टिविटी हो या टनलिंग हो, यह मेरी प्राथमिकता होगी। इसके अलावा एक पारदर्शी प्रशासन देना मेरी प्राथमिकता में होगा। सरकार ट्रांसपेरेंसी एक्ट लाएगी। इसमें यह प्रावधान होगा कि हर मंत्री, विधायक और अन्य जनप्रतिनिधि हर साल अपनी संपत्ति और देनदारियों का ब्योरा देंगे। इससे भ्रष्टाचार मुक्त शासन की दिशा में आगे बढ़ा जाएगा

    हमने जो कहा है, उसे अक्षरश: लागू करेंगे। ओपीएस को लागू करने के लिए काम शुरू हो चुका है। अधिकारी राजस्थान और छत्तीसगढ़ के मॉडल का अध्ययन कर रहे हैं। यह घोषणा पहली कैबिनेट में की जानी है। बाकी सबसे राय लेकर फैसले लेंगे कि यह सब कैसे होगा। 

     भाजपा (BJP) बड़ा कर्ज छोड़कर गई है। अभी थोड़ा सा समय दीजिये। आर्थिक प्रबंधन करेंगे। सोच-विचार करके ही करेंगे। सबसे राय लेंगे, पत्रकारों से भी। कोई गुटबाजी नहीं है। इस पर क्या जवाब दिया जाए। इस तरह का नेरेटिव सेट किया जाता रहा है कि गुटबाजी है जो असल में नहीं है। कभी आपने कांग्रेस नेताओं का एक-दूसरे के खिलाफ  कोई बयान सुना है। 

    कोई गुटबाजी नहीं है। इस पर क्या जवाब दिया जाए। इस तरह का नेरेटिव सेट किया जाता रहा है कि गुटबाजी है जो असल में नहीं है। कभी आपने कांग्रेस नेताओं का एक-दूसरे के खिलाफ  कोई बयान सुना है।  ये संतुलन वाली कोई बात नहीं है। नरेंद्र मोदी और अमित शाह दोनों ही गुजरात से हैं। एक राष्ट्रीय अध्यक्ष थे और एक प्रधानमंत्री हैं। नड्डा और धूमल एक ही संसदीय क्षेत्र से थे। वीरभद्र और विद्या स्टोक्स भी एक ही संसदीय क्षेत्र से थे, जब वे अहम पद पर होते थे।

    मंत्रिमंडल पर निर्णय हाईकमान को लेना है। इस बारे में जानकारी राजीव शुक्ला ही साझा करेंगे। सीएम और डिप्टी सीएम पद के लिए बात हुई है। अभी मंत्रियों के बारे में कोई बात नहीं हुई है। जब मंत्री बन जाएंगे तो उनकी परफॉर्मेंस देखी जाएगी। 

     बिल्कुल लक्ष्य में अब 2024 रहेगा। प्रदेश की चारों लोकसभा सीटें कांग्रेस जीतेगी। सरकार बेहतरीन प्रदर्शन करेगी। उपचुनाव के बाद विधानसभा चुनाव के नतीजे सबके सामने हैं।सुक्खू ने मुस्कराते हुए कहा कि मैं तो अल्टो में चलता था। खुद ड्राइव करता था। कई बार ट्रैफिक जाम में भी फंसा होता था। अब जब मुख्यमंत्री बन गया हूं तो पहले जैसा जाम तो नहीं लगता है। एकदम गाड़ी तेजी से चलती है। पर हर पंद्रह मिनट बाद लोकेशन पूछी जा रही है।

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