हिमाचल प्रदेश कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष एवं नादौन विधानसभा क्षेत्र से चौथी बार विधायक चुने गए सुखविंदर सिंह सुक्खू प्रदेश के नए मुख्यमंत्री (CM) हो सकते है। कांग्रेस हाईकमान ने सुखविंदर सिंह सुक्खू के नाम को मंजूरी दे दी है। महज एलान बाकी है। विधानसभा परिसर शिमला में कांग्रेस विधायक दल की बैठक शुरू हो गई है। बैठक के बाद सीएम के नाम का एलान होगा।
इससे पहले चुनाव पर्यवेक्षक व छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और हिमाचल कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला अभी राजधानी शिमला के चौड़ा मैदान स्थित सिसिल होटल में हर विधायक से अकेले-अकेले मुलाकात की और पांच बजे विधानसभा परिसर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने चुनाव पर्यवेक्षक भूपेश बघेल, भूपेंद्र सिंह हुड्डा और राजीव शुक्ला को विधायक दल की बैठक के बाद सीएम के नाम का एलान करने को कहा है।
नतीजों के बाद दो दिन में कैसे बदले समीकरण
गुरुवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के परिणाम आए। https://www.tatkalsamachar.com/delhi-gujrat-pm-winning/ 68 विधानसभा सीटों वाले हिमाचल में कांग्रेस के 40 प्रत्याशियों ने जीत हासिल की, जबकि भाजपा 25 पर सिमट गई। कांग्रेस की जीत के साथ ही पार्टी में मुख्यमंत्री पद को लेकर विवाद शुरू हो गया। शुक्रवार को दिनभर शिमला स्थित पार्टी मुख्यालय राजीव भवन में हंगामा होता रहा। बड़ी संख्या में प्रतिभा सिंह के समर्थक नारेबाजी करते रहे। वहीं, प्रचार समिति के प्रमुख रहे सुखविंदर सिंह सुक्खू के समर्थक भी उनके पक्ष में नारेबाजी करते रहे। हालांकि, सुक्खू खुद को मुख्यमंत्री की दौड़ से बाहर बताते रहे।
इसके बाद रात 10 बजे विधायक दल की बैठक हुई। इसमें छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के चुनाव पर्यवेक्षक भूपेश बघेल, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला, सह प्रभारी गुरकीरत सिंह कोटली भी मौजूद रहे।
बैठक में संजय सूद, तजेंद्र पाल बिट्टू और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद प्रतिभा सिंह विशेष रूप से मौजूद रहीं। इसमें हर विधायक से बारी-बारी चुनाव पर्यवेक्षकों ने बात की। इनसे सीएम पद के लिए दो-दो नाम पूछे गए। उनकी अच्छाई और कमी भी पूछी गई। इसके बाद सभी विधायकों ने एक स्वर में एक प्रस्ताव पारित किया। इसमें कहा गया कि कांग्रेस हाईकमान जो भी फैसला लेगा वह सभी विधायकों को मंजूर होगा। फिर ये प्रस्ताव कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भेज दिया गया।