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कृषि संबंधी विधेयक लोकसभा से पास होने के बाद भी मोदी सरकार की टेंशन कम होने का नाम नहीं ले रही है. विपक्षी दलों और किसानों के साथ-साथ अब तो मोदी के नेतृत्व वाले एनडीए के सहयोगी दल भी कृषि विधेयक के खिलाफ आवाज ही बुलंद नहीं कर रहे बल्कि साथ भी छोड़ रहे हैं. केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने गुरुवार को मोदी कैबिनेट से कृषि संबंधी विधेयकों का विरोध करते हुए इस्तीफा दे दिया है और इसे किसान विरोधी बताया है.
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने लोकसभा में इन विधेयकों को किसान विरोधी कदम बताया और कहा कि उनकी पार्टी की एकमात्र मंत्री इस्तीफा दे देंगी. इसके फौरन बाद हरसिमरत कौर ने इस्तीफे का ऐलान कर दिया. हरसिमरत कौर बादल ने कहा,’मैंने किसान विरोधी कृषि अध्यादेशों और कानून के विरोध में केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है. मैं उस सरकार का हिस्सा नहीं रहना चाहती जो किसानों की आशंकाओं को दूर किए बिना कृषि क्षेत्र से जुड़े विधेयक लेकर आई. किसानों के साथ उनकी बेटी और बहन के रूप में खड़े होने का गर्व है.’ इस्तीफे के बाद उन्होंने ने कहा कि हजारों किसान सड़कों पर हैं. मैं उस सरकार का हिस्सा नहीं रहना चाहती जो कि किसानों की परेशानियों का हल सुझाए बिना ही सदन में बिल पास करा लेती है.