नई दिल्ली केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने कोरोना वायरस को लेकर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उत्तर-पूर्वी राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बैठक की। इस बैठक के बाद उन्‍होंने कहा कि हम अपने देश में कई अन्य विकसित देशों की तरह बहुत खराब स्थिति का अनुमान नहीं लगा रहे हैं, लेकिन फिर भी हमने पूरे देश को सबसे खराब स्थिति के लिए तैयार किया है। बता दें कि ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि जून-जुलाई में कोरोना वायरस का कहर भारत में देखने को मिल सकता है।

ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले महीनों में भारत में कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्‍या तेजी से बढ़ सकती है। ऐसे में सरकार ने पहले ही इंतजाम करने शुरू कर दिए हैं। नई संशोधित पॉलिसी के मुताबिक, ऐसे मरीज जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं/बहुत हल्‍के हैं, उन्‍हें कोविड केयर फैसिलिटी में रखा जाएगा। यहां मरीजों का रेगुलर टेम्‍प्रेचर चेक और पल्‍स ऑक्सिमेट्री मॉनिटरिंग से गुजरना होगा। अगर तीन दिन तक बुखार ना आया हो, तो मरीज को 10 दिन के बाद डिस्‍चार्ज किया जा सकता है। डिस्‍चार्ज से पहले कोरोना वायरस परीक्षण की कोई आवश्यकता नहीं होगी। वहीं डिस्‍चार्ज से पहले, अगर कभी भी ऑक्‍सीजन सैचुरेशन 95 पर्सेंट से नीचे जाता है तो मरीज को डेडिकेटेड कोविड हेल्‍थ सेंटर (CDC) ले जाया जाएगा।

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