कोरोना वायरस से खुद को बचाने के लिए हर कोई आयुर्वेद की ओर रुख कर रहा हैं। आयुष मंत्रालय ने भी इस बात पर जोर दिया कि अपनी इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए अश्वगंधा, हल्दी, गिलोय आदि का काढ़ा पीना मददगार साबित होगा। ऐसे में गिलोय के बारे में हर कोई अधिक से अधिक जानने की कोशिश कर रहा हैं। गिलोय एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है। जो आपकी इम्यूनिटी को मजबूत करने के साथ-साथ कई बीमारियों में कारगर साबित हुआ। इन बीमारियों में डायबिटीज से लेकर अर्थराइटिस भी शामिल हैं।
गिलोय को कुछ लोग अमृता नाम से भी जानते हैं। आज हम आपको आयुर्वेदिक हर्ब्स सीरीज में गिलोय के बारे में विस्तार से बताएंगे। इसमें हम आपको गिलोय के फायदे, सबसे ज्यादा चर्चित इम्यूनिटी बूस्टर काढ़ा बनाने का तरीका सहित किन लोगों को इस आयुर्वेदिक औषधि का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए ये भी बताएंगे।
गिलोय में पाए जाने वाले तत्व
गिलोय में गिलोइन नामक ग्लूकोसाइड और टीनोस्पोरिन, पामेरिन एवं टीनोस्पोरिक एसिड पाया जाता है। इसके अलावा इसमें कॉपर, आयरन, फास्फोरस, जिंक,कैल्शियम, मैग्नीशियम के साथ-साथ एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-कैंसर आदि तत्व पाए जाते हैं। जो आपको हर बीमारियों से कोसों दूर रखते हैं।
कैसे करें गिलोय का सेवनआज के समय में अधिकतर लोगों को यह नहीं पता है कि आखिर गिलोय का सेवन कैसे और कितनी मात्रा में करना उनकी सेहत के लिए अच्छा है। आप गिलोय का सेवन 3 तरीके से कर सकते हैं। गिलोय सत्व, गिलोय जूस या गिलोय स्वरस और गिलोय चूर्ण। इसका तना, जड़, पत्ते हर एक चीज में औषधिय गुण पाएं जाते हैं।
डायबिटीज के मरीज
अगर किसी व्यक्ति को डायबिटीज है तो रोजाना गिलोय या फिर गिलोय जूस का सेवन करें। इसमें पाया जाने वाला हाइपोग्लाईकैमिक ब्लड शगर को कंट्रोल करने में मदद करता है।
अर्थराइटिसजोड़ों में दर्द की समस्या, अर्थराइटिस आदि में गिलोय का सेवन फायदेमंद है। गिलोय में एंटी इंफ्लेट्री और एंटीआर्थराइटिक गुण पाए जाते हैं जो इस रोग से निजात दिलाते हैं।