राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी में देश हित में सभी विचारधाराओं को साथ लेकर चलने की अद्भुत क्षमता थी, जो मजबूत लोकतंत्र के लिए अच्छा है।
राज्यपाल आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सम्मान में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला द्वारा आयोजित ‘सुशासन दिवस’ समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि अटल जी हमेशा उदार सोच और लोकतांत्रिक आदर्शों के लिए प्रतिबद्ध थे। उनका व्यवहार और प्रभावी कार्यशैली जन सेवकों के लिए प्रेरणा का स्रोत थी। उन्होंने कहा कि उनकी लोकप्रियता पार्टी और राजनीति की सीमाओं से ऊपर थी। उनके व्यक्तित्व, व्यवहार और विचार शक्ति के कारण राजनीतिक विरोधियों में भी उनके प्रति स्नेह और सम्मान की भावना थी।
उन्होंने कहा कि वाजपेयी जी ने अपने असाधारण सार्वजनिक जीवन के दौरान कई जिम्मेदारियों को निभाते हुए अपने उल्लेखनीय व्यक्तित्व और अमूल्य योगदान की छाप छोड़ी है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक भूमिका में उन्होंने उत्कृष्ट और अविस्मरणीय उदाहरण प्रस्तुत किए हैं। उन्होंने कहा कि यह सर्वविदित है कि 21वीं शताब्दी के आगमन के समय प्रधानमंत्री के रूप में अटल जी ने भारत को विश्व समुदाय के सामने एक नई शक्ति के रूप में स्थापित किया।
राज्यपाल ने कहा कि अटल जी नैतिकता, संवेदनशीलता और पारदर्शिता पर आधारित सुशासन के पक्षधर थे। उन्होंने सुशासन की मिसाल कायम की थी और इसी कारण 25 दिसंबर को उनकी जयंती पूरे देश में ‘सुशासन दिवस’ के रूप में मनाई जाती है। उन्होंने कहा कि वास्तव में यह अपने आप में एक बहुत बड़ा दिन है और इस दिन का उद्देश्य प्रशासन को अपने कार्य के लिए प्रतिबद्ध करना और विकास का नेतृत्व करना है। राज्यपाल ने कहा कि ‘हमें उम्मीद है कि यह सुशासन दिवस हमारे देश और देशवसियों के लिए सार्थक साबित होगा।’
श्री दत्तात्रेय ने अटल जी के साथ के सुनहरी संस्मरणों को याद करते हुए कहा कि ‘मुझे उनके साथ काम करने का मौका मिला। मैं उनकी सरकार में शहरी विकास मंत्री था। उनका मानना था कि फोर-लेन राजमार्गों के निर्माण और रेल, वायु और जलमार्गों के सुदृढ़िकरण को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, क्योंकि ये भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देंगे और हमारे देश के विकास को तेजी प्रदान करेंगे।’’ उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव द्वारा शुरू किए गए आर्थिक सुधारों को गति प्रदान की। आज अटल जी के सपनों को पूरा करके एक नए भारत के निर्माण और नई पीढ़ी को उनके विचारों से अवगत कराने की आवश्यकता है।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के समिति कक्ष में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि कार्यक्रम के दौरान भी उपस्थित थे।
कुलपति प्रोफेसर सिकंदर कुमार ने इस अवसर पर राज्यपाल का स्वागत और सम्मान किया और कहा कि सुशासन का अर्थ सरकारी योजनाओं में लोगों की पूर्ण भागीदारी सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि अटल जी सभी के दिलों में बसते हैं। हमें विश्वविद्यालय के विकास के लिए भी निस्वार्थ रूप से काम करना चाहिए और यह वास्तविक अर्थ में सुशासन होगा, जो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने सिखाया है।
इससे पूर्व राज्यपाल ने ऐतिहासिक रिज मैदान पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि अटल जी बेहतर राजनेता, राजनीतिज्ञ और भारतीय राजनीति के महान नेता थे जो देश के हितों के लिए जो देश के हितों के लिए हमेशा सजग थे। वह न केवल भारतीय राजनीति के प्रसिद्ध नेताओं में से एक थे, बल्कि एक उदार हृदय कवि भी थे जिसके फलस्वरूप उन्होंने देशवासियों के दिल जीते। उन्होंने कहा कि देश के लिए उनके बहुमूल्य योगदान को लोगों द्वारा हमेशा याद रखा जाएगा।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर, नगर निगम शिमला की महापौर सत्या कौंडल, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कश्यप, विधायकगण और अन्य गणमान्य लोग भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
इसके पश्चात राज्यपाल रिज मैदान शिमला पर स्थित चर्च गए और प्रार्थना सभा में उपस्थित हुए। उन्होंने प्रदेशवासियों विशेषकर ईसाई समुदाय को क्रिसमस की बधाई दी। उन्होंने बच्चों को इस अवसर पर चाॅकलेट भी वितरित की।
उन्होंने कहा कि यह त्यौहार प्यार और स्नेह का प्रसार करता है और हमें जरूरतमंदों की सहायता के लिए प्रेरित करता है। उन्होंने कहा कि क्रिसमस हमें प्रभु ईसा मसीह के वैश्विक भाईचारे के संदेश के प्रसार की स्मृति कराता है। उन्होंनें कहा कि यह त्यौहार परस्पर सहमति और सौहृार्द के साथ जीने के लिए प्रेरित करता है।
इससे पूर्व राज्यपाल ने राजभवन में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तस्वीर को पुष्पांजलि अर्पित की।