बिलासपुर – मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर प्रकाश दरोच द्वारा
जारी जानकारी के अनुसार जिला बिलासपुर में कोविड-19 संक्रमण की जांच
रैपिड एंटीजन टैस्टिंग प्रणाली शुरू की गई है। यह टेस्टिंग प्रणाली
कोरोना बीमारी के खिलाफ लड़ाई बहुत काम आएगी तथा भविष्य में इसमें बदलाव
लाएगी। रैपिड एंटीजन टेस्ट किट से नाक में एक पतली सी नली से सैंपल लिया
जाता है नाक से लिए गए उस लिक्विड को टेस्ट किट में डाला जाता है और यह
किट थोड़ी ही देर में बता देता है कि जिस का सैंपल डाला गया है वह करोना
वायरस से संक्रमित है या नहीं। यह इस तरह की होती है जैसे प्रेगनेंसी
टेस्ट किट होती है। उन्होंने बताया कि सैंपल लिक्विड डालने के बाद दो रेड
लाइन आती है तो इसका मतलब है कि व्यक्ति कोरोना पाॅजिटीव होता है। एक
लाइन आती है तो करोना नेगेटिव है फिर भी नेगेटिव वाले लोगों में अगर फ्लू
संबंधी लक्षण हो तो उन्हें दूसरा आईटी -पीसीआर टेस्ट करवाना जरूरी होता
है।
उन्होंने बताया कि इस रैपिड एंटीजन टेस्ट की रिपोर्ट के लिए मरीज को अब 1
से 2 दिन का इंतजार नहीं करना पड़ता इसकी रिपोर्ट मात्र 15 से 30 मिनट में
आ जाती है। सैंपल व रैपिड एंटीजन टेस्ट केवल प्रशिक्षित व्यक्ति द्वारा
ही लिए जाते हैं जिसने इसकी ट्रेनिंग ली होती है। सैंपल लेने के दौरान उन
सभी लोगों को जिनको फ्लू संबंधी लक्षण है को स्वीकृति पत्र देना होगा कि
जब तक सैंपल की रिपोर्ट नहीं आती तब तक वे समुदाय में नहीं जाएंगे तथा
होम क्वॉरेंटाइन में रहेंगे। अगर कोई इसकी अवहेलना करता है तो उस पर
कार्रवाई की जा सकती है।
उन्होंने जिला के सभी खंड चिकित्सा अधिकारियों व दूसरे स्वास्थ्य
कर्मियों को आदेश दिए कि सभी अपने क्षेत्र में इसकी जागरूकता लोगों तक
पहुंचाएं तथा करोना महामारी के खिलाफ इस जंग में अपनी अपनी भागीदारी
सुनिश्चित करें ताकि इसकी चेन को तोड़ा जा सके और इस महामारी को खत्म किया
जा सके। इसके साथ-साथ उन्होंने बिलासपुर की जनता से अपील की है कि वे अब
इस अनलॉक जैसी स्थिति में अपने अपने स्थान पर बचाव के सभी तरीकों को
अपनाएं जैसे समाजिक दूरी, मास्क पहनना, बार-बार हाथ धोना, अनावश्यक रूप
से घर से बाहर ना निकलना आदि का पालन करें। यदि फिर भी किसी को बुखार,
सांस लेने में तकलीफ, खांसी आदि फ्लू संबंधी लक्षण हो तो करोना के लिए
जांच अवश्य कराएं।
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