सबसे तेज़ ‘ह्यूमन कैलकुलेटर’ बने नीलकंठ भानु

0
10

[metadata element = “date”]

महज़ 20 साल की उम्र में उन्होंने मेंटल कैलकुलेशन वर्ल्ड चैम्पियनशिप्स में भारत को पहला गोल्ड दिलाया है. वो कहते हैं कि गणित “दिमाग का एक बड़ा खेल” है और वो “गणित के फोबिया को पूरी तरह मिटाना” चाहते हैं. हैदराबाद के नीलकंठ भानु “हर वक़्त अंकों के बारे में सोचते रहते हैं” और अब वो दुनिया के सबसे तेज़ ह्यूमन कैलकुलेटर हैं.

वो मेंटल मैथ्स की तुलना स्प्रिंटिंग से करते हैं. वो कहते हैं कि तेज़ दौड़ने वालों पर कोई सवाल नहीं उठाता, लेकिन मेंटल मैथ्स को लेकर हमेशा सवाल उठते हैं. गणित के साथ उनके इस सफ़र की शुरुआत पांच साल की उम्र में हुई. तब उनके साथ एक दुर्घटना हो गई थी. उनके सिर में चोट लगी और वो एक साल के लिए बिस्तर पर रहे. तब अपने दिमाग को व्यस्त रखने के लिए मेंटल मैथ्स कैलकुलेशन करना शुरू किया.

वो कहते हैं कि भारत के मध्य-वर्गीय परिवार से आने वाला शख़्स आम तौर पर सोचता है कि वो एक अच्छी जॉब लेकर सेटल हो जाए या अपना कारोबार शुरू कर ले. और गणित जैसे आला क्षेत्र में जाने के बारे में वो कम ही सोचता है.

लेकिन अंकों की तरफ उनका रुझान ही था, जिसकी वजह से भानु ने गणित में डिग्री लेने का सोचा और उनकी डिग्री पूरी भी होने वाली है.

वो कहते हैं कि ये इतना आसान नहीं है कि आप एक टेबल पर बैठे हैं और पढ़ रहे हैं. बल्कि ये “दिमाग का एक बड़ा खेल है.”

“मैंने ना सिर्फ ख़ुद को एक तेज़ गणितज्ञ के तौर पर बल्कि एक तेज़ सोचने वाले व्यक्ति के तौर पर भी तैयार किया है.”

Share this News

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here