Eco-tourism policy-2024 aims to earn revenue of Rs 200 crore in five years
प्रदेश सरकार ने राज्य में ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए एक नई ईको-टूरिज्म नीति लागू की है, जिसके अंतर्गत राज्य के विभिन्न वन वृत्तों में 77 ईको-टूरिज्म स्थलों का विकास किया जा रहा है। प्रदेश सरकार की इस पहल से आगामी पांच वर्षों में 200 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होने की संभावना है। नई ईको-टूरिज्म नीति का उद्देेश्य प्रकृति की रक्षा करते हुए पर्यटकों को आकर्षित करना, स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित करना तथा राज्य की अर्थव्यवस्था को हरित व सतत् विकास के मार्ग पर आगे बढ़ाना है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के सशक्त नेतृत्व में प्रदेश सरकार हिमाचल को विश्व स्तर पर एक प्रमुख ईको-टूरिज्म गंतव्य के रूप में विकसित करने की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है।
हिमाचल प्रदेश बर्फ से ढकी पहाड़ियांे, घने जंगलों, निर्मल नदियांे और समृद्ध जैव विधिता के कारण सदैव प्रकृति प्रेमियों के लिए पसंदीदा गंतव्य रहा है। अब राज्य सरकार इन प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करते हुए उनका समुचित दोहन कर रही है जिसके लिए ईको पर्यटन नीति-2024 तैयार की गई है। ईको-टूरिज्म का अर्थ है पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना प्राकृतिक स्थलों की यात्रा करना। हिमाचल प्रदेश की ईको-टूरिज्म नीति-2024 विशेष रूप से इन्हीं नियमों पर आधारित है जिससे पर्यटन और प्रकृति दोनों का संरक्षण सुनिश्चित होगा।
इस नीति के तहत राज्य के विभिन्न भागों जैसे शिमला, कुल्लू, मंडी, बिलासपुर, रामपुर, सोलन, नाहन, हमीरपुर, नालागढ़, धर्मशाला, पालमपुर, चंबा, डलहौजी, नूरपुर और रिकांगपिओ में 77 ईको-टूरिज्म स्थलों का विकास किया जा रहा है। इनमें से सात प्रमुख स्थलों-शिमला में पॉटर हिल और शोघी, कुल्लू में सोलंग नाला और पार्वती घाटी में कसोल-के लिए ईको-टूरिज्म ऑपरेटरों का चयन पहले ही कर लिया गया है तथा शेष स्थलों का विकास चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है। पर्यटक यहां ट्रैकिंग, बर्ड वॉचिंग, फॉरेस्ट कैंपिंग, प्रकृति वॉक, होमस्टे और प्रकृति ट्रेल मार्ग जैसे पर्यावरण अनुकूल गतिविधियों का आनंद ले सकेंगे।
इस ईको-टूरिज्म गतिविधि का एक महत्त्वपूर्ण भाग स्थानीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित बनाना है। प्रत्येक वन वृत्त में ईको-टूरिज्म समितियां बनाई गई हैं, जो इन परियोजनाओं का संचालन कर रही हैं। स्थानीय युवाओं को नेचर गाइड और मल्टी-पर्पज वर्कर के रूप में प्रशिक्षित किया जा रहा है तथा अब तक 70 से अधिक गाइड और 135 मल्टी-पर्पज वर्कर्स को हिमाचल प्रदेश ईको-टूरिज्म सोसाइटी द्वारा प्रशिक्षित किया जा चुका है। इससे लोगों को रोजगार प्राप्त हो रहा है तथा प्रकृति की सुरक्षा के प्रति जागरूक भी हो रहे हैं।
पर्यटकों के लिए यात्रा और बुकिंग की सुविधा को सरल बनाने के लिए सरकार ने ईको-टूरिज्म सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध करवाई हैं। 100 से अधिक फॉरेस्ट रेस्ट हाउस और कैंपिंग साइट्स की बुकिंग अब हिमाचल प्रदेश ईको-टूरिज्म सोसाइटी की वेबसाइट के माध्यम से की जा सकती हैं तथा ट्रैकिंग मैनेजमेंट सिस्टम भी शुरू किया गया है। 245 से अधिक ट्रैकिंग रूट्स को कठिनाई स्तर के आधार पर चिन्हित और सूचीबद्ध किया गया है तथा पर्यटकों के मार्गदर्शन के लिए एक मोबाइल ऐप भी तैयार किया जा रहा है।
नई ईको पर्यटन नीति में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और संशोधित वन संरक्षण अधिनियम (वन संरक्षण एवं संवर्धन अधिनियम, 2023) के राष्ट्रीय नियमों का पालन सुनिश्चित किया है। शिमला, पालमपुर, कुल्लू, सिराज और मंडी जैसे वन मंडलों की कार्य योजनाओं में ईको-टूरिज्म अध्यायों को पहले ही मंजूरी दी जा चुकी है।
इन प्रयासों के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। वर्ष 2024 में हिमाचल प्रदेश में 181.24 लाख पर्यटक आए, जिनमें 82 हजार विदेशी पर्यटक शामिल रहेे। जिसमें पिछले वर्ष की तुलना में 13.24 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है। https://tatkalsamachar.com/amit-kholi-birthday/ चूंकि पर्यटन, प्रदेश के सकल राज्य घरेलू उत्पाद में 7.78 प्रतिशत का योगदान देता है तथा यह नई नीति राज्य की अर्थव्यवस्था को और अधिक सशक्त बनाने में सहायक सिद्ध होगी।
वर्तमान सरकार ने अपने अढाई वर्ष के कार्यकाल में ईको-टूरिज्म के क्षेत्र में मजबूत आधार तैयार किया है। पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर हिमाचल प्रदेश ने दिखा दिया है कि पर्यटन और प्रकृति साथ-साथ आगे बढ़ सकते हैं। यह ईको-टूरिज्म परियोजना राज्य के लिए एक हरित, स्वच्छ और आत्मनिर्भर भविष्य की दिशा में एक बड़ा कदम है।
नशे के विरुद्ध जंग में सभी से मांगा सहयोग, छात्राओं से की स्वयं को सशक्त…
सत्ता में आते ही कांग्रेसनीत सुख की सरकार ने राज भवन को लगातार बनाया निशाना…
Reinforcing its commitment towards promoting preventive healthcare and women’s health awareness, Auckland House School for…
Auckland House School for Boys was buzzed with joy and laughter as the students celebrated…
। विद्युत उपमंडल-2 हमीरपुर में 27 सितंबर को लोकल फीडर और मट्टनसिद्ध फीडर के इंटरलिंकिंग…