https://www.tatkalsamachar.com/?p=2557
गुमला, जासं। कोरोना को लेकर अभी भी लोगों में जागरुकता की कमी है। लोग लॉकडाउन का पालन भी नहीं कर रहे हैं। ऐसे ही एक मामले में बुधवार को गुमला में एक व्यक्ति की जान चली गई। गुमला जिले के सिसई में पहली बार दो समुदायों के बीच कोरोना और लाॅकडाउन के कारण हुए मारपीट में एक समुदाय के बोलबा उरांव की मौत हो गई। इस घटना में पांच लोग घायल हुए हैं। उनमें से दो लोगों का इलाज रिम्स में चल रहा है। रिम्स में इलाज करवा रहे दोनों लोग खतरे से बाहर बताए गए हैं। आइजी नवीन कुमार सिंह और डीआइजी एबी हाेमकर के साथ गुमला के एसपी अंजनी कुमार झा इलाके में मंगलवार की देर रात से लगातार कैंप किए हुए हैं।
पिछले दो-तीन दिनों से कोरोना वायरस को लेकर गुमला जिले में अफवाहों का बाजार गर्म था। प्रशासन की अपील पर अफवाह फैलाने वाले बाज नहीं आ रहे थे। मंगलवार की शाम बसिया रोड का अनिश आलम नामक युवक चेकनाका के समीप कुदरा गांव में चला गया था। वह दिव्यांग है। लोगों ने उससे मुहल्ले में आने का कारण पूछा और उसे कोरोना वायरस तथा लाॅकडाउन के कारण घर के बाहर घूमने से मना किया। उसने लोगों की बात नहीं मानी। इसी बात पर बहस हो गई।
उसके बाद अनिश आलम की कुछ लोगों ने पिटाई कर दी। इससे वह घायल हो गया। घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने उसे सिसई रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया। उसे चिकित्सक ने बेहतर इलाज के लिए रिम्स रेफर कर दिया। इस घटना की जानकारी जंगल में आग की तरह फैल गई। सिसई बस्ती के कुछ लोग भाग कर सिसई खास बस्ती में आए और अपने समुदाय के लोगों को बताया कि सकरौली, भदौली, नगर आदि से काफी संख्या में लोग उन लोगों को मारने आ रहे हैं।
अचानक मोबाइल की लाइट बड़ी संख्या में जलता हुआ दिखाई देने लगा। सिसई खास बस्ती के लोग भी जमा हो गए और अपने हाथों में हरवे-हथियार लेकर सिसई बस्ती की ओर निकल पड़े। निकलने वाले लोगों ने साजिशन चोर-चोर का शोर मचाना आरंभ कर दिया। चोर-चोर की आवाज सुनकर दूसरे समुदाय के बोलबा उरांव, सोमरा उरांव, विवेक उरांव, भुवनेश्वर उरांव, जतरु उरांव आदि भी पहुंच गए। उन लोगों के घटनास्थल के समीप पहुंचने पर सिसई खास बस्ती के लोगों ने घातक हथियार से उन पर हमला बोल दिया।