परिवारवाद की राजनीति पर भाजपा का पर्दाफाश हो चुका है। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता देवेन्द्र बुशैहरी ने कहा कि विधान सभा चुनावों के लिए जारी पहली सूचि में भाजपा द्वारा परिवारवाद को बढ़ावा दिया गया है जिससे भाजपा की कथनी और करनी का पर्दाफाश हुआ है। उन्होंने कहा कि भाजपा हमेशा कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप लगाती रही है] परन्तु अब वह स्वयं इस मुददे पर घिर चुकी है। उन्होंने कहा कि हिमाचल में उपचुनाव से पूर्व भाजपा स्व0 नरेन्द्र ब्रागटा के पुत्र को पूरे क्षेत्र में घुमाकर पार्टी का प्रत्याशी बनाने की बात करती रही] परन्तु चुनाव की घोषणा होते ही परिवारवाद का बहाना बनाकर किसी अन्य को पार्टी का प्रत्याशी बनाया गया। लेकिन इसके पीछे सच्चाई यह थी कि नरेन्द्र ब्रागटा को प्रेम कुमार धूमल का करीबी माना जाता था जिस कारण परिवारवाद का बहाना बनाया गया।
देवेन्द्र बुशैहरी ने कहा कि भाजपा के अन्दर प्रत्याशियों के चयन में उच्च स्तर तक आपसी मतभेद हैं और सताधारी दल अन्र्तकलह का शिकार है। कांग्रेस पार्टी अपने वरिश्ठ नेताओं का हमेषा सम्मान करती है और उनके अनुभवों का लाभ उठाती है परन्तु दूसरी तरफ भाजपा में वरिश्ठ नेताओं को अपमानित कर बाहर का रास्ता दिखाया जाता है जिसका ताजा उदाहरण पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल को इन विधान सभा चुनावों में मजबूरीवश संन्यास लेने पर भाजपा की तिकड़ी ने मतबूर कर दिया है।
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता देवेन्द्र बुशैहरी ने कहा कि चुनाव में आज फिर से स्व नरेन्द्र ब्रागटा के बेटे को टिकट दिया गया] भाजपा बताए कि अब वह परिवारवाद कहां गया। इसके अलावा जिन अन्य लोगों को टिकट दिए गए उनमें स्व0 सुख राम के पुत्र अनिल शर्मा, स्व0 कुंज लाल ठाकुर के पुत्र गोबिंद ठाकुर, वर्तमान में मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर के पुत्र रजत ठाकुर, स्व0 जगदेव ठाकुर के पुत्र नरेन्द्र ठाकुर ये सब परिवारवाद की पृष्ठभूमि से आते हैं। https://www.tatkalsamachar.com/bjp-election-himachal-pradesh/ उन्होंने कहा कि यह सब भाजपा की चुनावी मजबूरियां है और अपनी पराजय देख कर अब भाजपा हर तरह के हथकंडे अपना कर सता हथियाना चाहती है जिस कारण अब परिवारवाद कोई मुददा नही रहा है। प्रदेश सरकार के गत पांच सालों के रिपोर्ट कार्ड के आधार पर मुख्यमंत्री के कमजोर नेतृत्व के कारण भाजपा पूरे प्रदेश में पराजय के भय से आज किसी भी हद तक जा रही है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस देश की एकमात्र पार्टी है जिसमें पारदर्शी तरीके से पार्टी के संगठनात्मक चुनाव करवाए जाते हैं जिसका उदाहरण हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनावों में वरिष्ठ नेता श्री मल्लिकार्जुन खड़गे का निर्वाचित होना है। इससे पूर्व भी कांग्रेस पार्टी में स्वस्थ परम्परा का निर्वाहन करते हुए लोकतांत्रिक प्रणाली से संगठनात्मक चुनाव होते रहे।