सैटेलाइट तस्वीरों में दिखीं, लद्दाख बॉर्डर्स पर चीन की एरियल तैयारियां.

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2017 से इस लोकेशन पर J-8II और J-11B लड़ाकू विमानों को भी देखा गया लेकिन कम संख्या में. ताजा सैटेलाइट तस्वीरों से इन दोनों लड़ाकू विमानों की एक-एक रेजिमेंट की इस लोकेशन पर उपस्थिति का संकेत मिलता है.

ऐसा लगता है कि चीन ने पूर्वी लद्दाख के निकटतम होतान एयरबेस को हाई अलर्ट पर एक्टिव कर दिया है. ताजा सैटेलाइट तस्वीरों से फाइटर जेट, ड्रोन्स, बमवर्षक और मिसाइल सिस्टम्स की तैनाती के संकेत मिलते हैं.

एयरबेस होतान शहर के पास स्थित है, जो यारकंद (चीन की यरकांत काउंटी) को जाने वाले इंडियन सिल्क रोड पर अहम ट्रांजिट प्वाइंट है. होतान अब वेस्टर्न थिएटर कमांड में चीनी वायु सेना (PLAAF) के सबसे बड़े बेस में से एक है.

22 जून तक की ताजा सैटेलाइट तस्वीरों की जांच से इस फैसिलिटी पर चीनी वायु सेना की गतिविधियों का पता चलता है.

काराकोरम दर्रा के उत्तर-पूर्व में लगभग 200 किलोमीटर और पैंगोंग त्सो के फिंगर 4 एरिया से 400 किमी से कम दूरी पर स्थित होतान एयरबेस में 60 मीटर की चौड़ाई वाला 3,330 मीटर लंबा रनवे है.

यह नागरिक और सैन्य उद्देश्यों के लिए दोहरे उपयोग वाला एयरपोर्ट है. इसके तीन एप्रन PLAAF के लिए और एक सिविल टर्मिनल के लिए निर्धारित हैं.

यहां कोई समर्पित एयरक्राफ्ट शेल्टर्स नहीं हैं. शायद मामूली रिपेयर वर्क के लिए यहां एक रिपेयर हैंगर मौजूद है.

होतान एयरबेस पर 2014 में जे-10 फाइटर एयरक्राफ्ट्स रखने का इरादा बनाया गया था. ये संभावना ऑपरेशनल जिम्मेदारियों के साथ अच्छी तरह मेल नहीं बिठा सकी. इसकी जगह मिग 21 के चीनी संस्करण J-7 को लाया गया. ऐसा उनकी प्रतिकूल मौसम में भी ऑपरेशनल क्षमताओं की वजह से किया गया.

2017 से इस लोकेशन पर J-8II और J-11B लड़ाकू विमानों को भी देखा गया लेकिन कम संख्या में. ताजा सैटेलाइट तस्वीरों से इन दोनों लड़ाकू विमानों की एक-एक रेजिमेंट की इस लोकेशन पर उपस्थिति का संकेत मिलता है.

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