प्रदेश सरकार लोक गीतों, एकांकी, और लघु नाटकों के माध्यम से हिमाचल प्रदेश के पूर्ण राज्यत्व की 50 साल की शानदार यात्रा को प्रदर्शित करने के लिए स्थानीय लोक गायकों और लोक कलाकारों को शामिल करने पर विचार कर रही है। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के लोक कलाकारों के साथ बातचीत करते हुए कही। यह पहला अवसर था कि सरकार ने प्रदेश की संस्कृति को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से पूरे राज्य के लोक कलाकारों से बातचीत की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के पूर्ण राज्यत्व के 50 वर्षों के समारोह को शानदार तरीके से आयोजित कर रही है। प्रदेश भर में लोगों को राज्य की उपलब्धियों और विकासात्मक गतिविधियों के बारे में अवगत करवाने के लिए 51 राज्यस्तरीय कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस वर्ष 15 अप्रैल को स्वर्णिम रथ यात्रा का आयोजन किया जाएगा जो प्रदेश के सभी क्षेत्रों में राज्य की विकासात्मक यात्रा की झलक प्रस्तुत करेगी।
जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार स्वर्णिम रथ यात्रा को आकर्षक बनाने और प्रदेश की पिछले 50 साल की उपलब्धियों को लोगों तक पहुंचाने के लिए लोक कलाकारों को शामिल किया जाएगा। प्रदेश के लगभग सभी हिस्सांे में अलग-अलग भाषाएं बोली जाती हैं इसलिए जिस क्षेत्र से स्वर्णिम रथ गुजरेगा उस संबंधित क्षेत्र के कलाकारों की सेवाएं लेने के प्रयास किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे न केवल स्वर्णिम रथ यात्रा की ओर अधिक लोगों का ध्यान आकर्षित करने में सहायता मिलेगी बल्कि प्रदेश की उपलब्धियों के बारे में भी लोगों को जानकारी पहंुचाई जा सकेगी। इसी प्रकार, लोक कलाकारों को स्थानीय भाषा में नाटकों में शामिल किया जाएगा जिसके माध्यम से पिछले 50 वर्षों में विभिन्न क्षेत्रों में प्रदेश की उपलब्धियां प्रदर्शित की जाएंगी।
जय राम ठाकुर ने प्रदेश के लोक कलाकारों से स्थानीय भाषा में गीत और नाटक तैयार कर 5 अप्रैल, 2021 तक सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग को प्रस्तुत करने का आग्रह किया। इससे सरकार को प्रदेश की समृद्ध संस्कृति को बढ़ावा देने के अलावा इस पूरे कार्यक्रम को अधिक आकर्षक बनाने में सहायता मिलेगी।
उन्होंने कहा कि लोक कलाकारों ने प्रदेश की समृद्ध संस्कृति और परम्पराओं को संरक्षित कर राज्य की विकास यात्रा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सरकार कलाकारों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और स्थानीय समारोहों और कार्यक्रमों के दौरान आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में उन्हें प्राथमिकता प्रदान की जा रही है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि कलाकारों से प्राप्त रचनाओं की छंटनी के लिए एक राज्यस्तरीय समिति गठित की जाएगी जिसे स्वर्णिम रथ यात्रा और कार्यक्रमों के दौरान उपयोग करने के लिए अन्तिम रूप दिया जाएगा।
प्रदेश के प्रसिद्ध कलाकारों डाॅ. के.एल. सेहगल, विक्की चैहान, कुलदीप शर्मा, दलीप सिरमौरी, ठाकुर दास राठी, इन्द्रजीत सिंह, विद्या नन्द सरैक, सुरेश शर्मा, प्रभु नेगी, धीरज शर्मा, परमजीत पम्मी और रजनीश भारद्वाज ने इस अवसर पर अपने सुझाव दिए।
सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के निदेशक हरबंस सिंह ब्रसकोन ने कलाकारों को सम्बन्धित जिला जन सम्पर्क अधिकारियों को अपनी रचनाएं प्रस्तुत करने का आग्रह किया ताकि इन्हें आगामी छंटनी के लिए विभाग को भेजा जा सके।
वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग में शामिल हुए लोक कलाकारों ने पहली बार इस प्रकार का संवाद स्थापित करने के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि इससे उन्हें मार्गदर्शन प्राप्त हुआ है और भविष्य में भी इसका लाभ उन्हें मिलेगा। कलाकारों ने कहा कि सरकार के इन प्रयासों से प्रदेश की संस्कृति के संवर्द्धन और प्रदर्शन में सहायता मिलेगी।
अतिरिक्त मुख्य सचिव सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग जेसी शर्मा, संयुक्त निदेशक आरती गुप्ता एवं महेश पठानिया और विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।