बॉलीवुड:रंगमंच, फिल्म, टीवी, सिरियल के प्रख्यात कलाकार नीरज सूद से संवाद कायम किया गया

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Tatkal Samachar
Bollywood: Dialogue with Neeraj Sood, eminent artist of theater, film, TV, serial

हिमाचल प्रदेश हिमाचल कला संस्कृति भाषा अकादमी के साहित्य कला संवाद में आज रंगमंच, फिल्म, टीवी, सिरियल के प्रख्यात कलाकार नीरज सूद से संवाद कायम किया गया। नीरज सूद हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला से तालुक रखते हैं। विनम्र भाव के नीरज सूद ने आज फिल्म नगरी मुम्बई में अपना एक अलग मुकाम स्थापित किया है। कार्यक्रम के दौरान उन्होनें बताया कि जीवन की अनभिज्ञता के बीच उनके सहपाठी नीरज ठाकुर और सपना ने उन्हें रंगमच का रास्ता दिखाया। कालेज के गुरूओं जिनमें प्रोफेसर रवि एवं प्रोफेसर कृपाल तथा अन्य गुरूजनों को याद करते हुए नीरज अत्यन्त भावुक हुए।
उन्होनें कहा कि इन गुरूओं के कारण ही साहित्य, कविता, और भाषा का ज्ञान प्रबल हुआ और रंगमंच के प्रति उत्सुकता बढ़ी। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से मंडी आए सुरेश शर्मा के साथ नाटक में जुड़कर राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के प्रति लग्न बढ़ी जिसे अपनाकर भविष्य बनाने का निश्चय किया।
उन्होनें बताया कि राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय मेरे लिए जीवनदायिनी है उसके प्रांगण में मुझे आज भी उर्जा मिलती है। उन्होनें कहा कि मेरे जीवन को गति देने के लिए मंडी शहर का बहुत बढ़ा योगदान है। मैनें रंगमंच और इससे जुड़ी सभी विधाओं की तालीम मंडी शहर से ली जिसके लिए उन्होनें कृतज्ञ भाव प्रकट किया। उन्होनें कहा कि सफलता की यात्रा में मंडी शहर ने मुझे साहित्य, कला और संगीत दिया जिसका मैं सदैव ऋणी रहूंगा। उन्होनें बताया कि राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के पश्चात 1999 में मुम्बई में भाग्य आजमाने को निकल पड़े।
उन्होनें कहा कि मेरी टीवी अथवा फिल्म में भूमिकाओं में विविधता रहे इसके लिए मैं सदैव सजग रहता हूं। उन्होनें कहा कि कलाकार के लिए अभिनय ढूबने की कला है इसे जितना निष्ठा पूर्वक करेंगे उतना कंुदन होकर निकलेंगे। उन्होनें अपने द्वारा अभिनित विभिन्न टीवी सिरियल और फिल्मों की चर्चा करते हुए पवन शर्मा द्वारा बनाई गई लोक गाथा पर आधारित ब्रीणा को सराहनीय प्रयास बताया और इससे जुड़ने को अपना परम सौभाग्य करार दिया।
उन्होनें कहा कि अभिनय के लिए शिक्षा और प्रशिक्षण अत्यन्त आवश्यक है। शिक्षित व्यक्ति ही साहित्य और समग्रता के साथ ज्ञान को आत्मसात करने में सक्षम हो सकता है जो अभिनय के लिए अत्यन्त आवश्यक है। उन्होनें कहा कि अभिनय में हम अगल बगल रहने वाले लोगों से भी बहुत कुछ सीख सकते है। भविष्य में रंगमंच करने के सवाल पर उन्होनें बड़ी सहजता के साथ वर्तमान को ही अपने कार्य की कसौटी बताया और कहा कि यदि अपने पुराने दोस्तों के साथ रंगमंच करने का कभी मौका मिला तो वो मेरे लिए जीवन का अत्यन्त रोमांचित क्षण होगा।
उलेखनीय है कि मण्डी में पैदा हुए नीरज सूद आज मुम्बई फिल्म जगत में एक बहुत बड़ा नाम है जिन्होनें अमिताब बच्चन के साथ कैडबरी तथा आमीर खान के साथ विज्ञापन फिल्मों में तथा अनेक अन्य उत्पादों के लिए विज्ञापन फिल्मों में काम किया 25 से अधिक टीवी धारावाहिकों में प्रमुख भूमिका निभाई जो अनेकों चैनलों पर प्रसारित हुए। इसके अतिरिक्त राकेट सिंह, बैंड बाजा बारात, शुभ मंगलम सावधान, यहां सभी ज्ञानी है, सूरज पर मंगल भारी, मंगू गिटार सैटर, मित्रों, अग्निपथ तथा कई अन्य फिल्मों में अपने किरदारों से दर्शकों पर अभिनय की अमिट छाप छोड़ी।
हिमाचल कला संस्कृति भाषा अकादमी के सचिव डा0 कर्म सिंह ने नीरज सूद का कला संवाद में भाग लेने पर आभार व्यक्त किया और अपनी जड़ों का ना भूलते हुए इस मुकाम पर पहुंचकर भी गुरूओं तथा क्षेत्र द्वारा प्रदत ज्ञान के प्रति नीरज सूद का कृतज्ञ भाव प्रकट करने पर साधूवाद व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन दक्षा शर्मा द्वारा अत्यन्त सफलता पूर्वक किया गया जो स्वयं भी राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय नई दिल्ली से स्नातकोतर है तथा नाट्य विधा में प्रवीणता के साथ कार्य कर रही है। कार्यक्रम का संयोजन व संम्पादन हितेन्द्र शर्मा द्वारा किया गया।

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