किन्नौर जिला में कोविड के बढ़ते मामलों के चलते जिला प्रशासन द्वारा जिले में नई बंदिशे लगाई हैं। जिला दण्डाधिकारी किन्नौर हेमराज बैरवा ने आज कोरोना महामारी को लेकर किन्नौर जिला के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं ताकि जिले में कोरोना संक्रमण को रोका जा सके। यह निर्देश 29 अप्रैल, 2021 से जिले भर में प्रभावी माने जाएगें।
जिला दण्डाधिकारी द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार जिले में सभी प्रकार की दुकानें व व्यवसायिक प्रतिष्ठान सोमवार से शुक्रवार तक प्रतिदिन सांय 7ः30 बजे तक खुली रहेंगी। सभी दुकानदारों को सांय 7 बजे दुकान का शटर गिराकर बिक्री बन्द करनी होगी और 7ः30 बजे दुकाने पूरी तरह से बन्द करनी होंगी।
शनिवार व रविवार को सभी दुकानें बन्द रहेंगी केवल साथ लगते गांव व क्षेत्रों के स्थानीय दुग्ध विक्रेता प्रातः 7 बजे से 10 बजे के बीच दूध बेच सकेंगें और इस दौरान उन्हें कोविड प्रोटोकाॅल के अनुसार सामाजिक दूरी व माॅस्क पहनना आवश्यक होगा। समाचार पत्र विक्रेता 3 बजे से 5 बजे के बीच शनिवार व रविवार को दुकानों के बाहर शटर बन्द कर समाचार पत्र विक्रय कर सकेंगे तथा इसी दौरान वितरित कर सकेंगें।
जिले के सभी दुकानदारों को अपने गोदाम के नजदीक सामान की लोडिंग व अनलोडिंग की अनुमति रहेगी। दवा, केमिस्ट व क्लीनीक सप्ताह के सभी दिनों खुलें रहेंगें। सभी दुकानदारों को आवश्यक दूरी सुनिश्चित करने के लिए दुकानों के बाहर सर्कल के निशान लगाने होगें और दुकान के बाहर सेनेटाईजर रखना व माॅस्क पहनना आवश्यक होगा। माॅस्क नहीं तो सेवाएं नहीं की अनुपालना सुनिश्चित बनानी होगी। ढाबा, रेस्तरां, टायर पेन्चर की दुकानों को शनिवार व रविवार को खोलने के लिए संबंधित उपमण्डलाधिकारी से स्थितिअनुसार और अनिवार्यता के आधार पर अनुमति लेनी होगी।
पंचायत स्तर पर पंचायत सचिव को बाहरी राज्यों से आने वाले व प्रदेश से आने वाले व्यक्तियों के पंजीकरण के लिए दो अलग अलग रजिस्ट्रर लगाने होगें। इन रजिस्ट्ररों में व्यक्तियों की सभी प्रकार की जानकारी जैसे कहाँ से आये , व्यवसाय से संबंधित, मजदूर, पर्यटक, रिश्तेदार और गांव का निवासी संबंधी सारी जानकारी रखनी होगी। पंचायत व वार्ड स्तर पर प्रधान, वार्ड सदस्य, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व आशा-वर्कर की समिति द्वारा कोविड पोर्टल पर दी गई जानकारी का सत्यापन करेंगें और यदि उसमें कमियां पाई जाती हैं तो उसकी सूचना तहसीलदार/नायब तहसीलदार या खण्ड विकास अधिकारी को देगें।
जिले के सभी ग्राम पंचायत प्रधानों को यह सुनिश्चित बनाना होगा की उनके क्षेत्र में बाहरी राज्यों से आने वाले व्यक्ति का पंजीकरण किया जा चुका है और यह वार्ड सदस्यों की डयूटी होगी कि वे संबंधित आशा-वर्कर/स्वास्थ्य कार्यकर्ता को तत्काल या 24 घंटे के अन्दर वार्ड में आने वाले की सूचना प्रदान करें। आशा कार्यकर्ताओं और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रधान, ग्राम पंचायत, वार्ड सदस्यों से प्राप्त सूची को खण्ड विकास अधिकारी 5 दिन के अंदर खण्ड स्वास्थ्य अधिकारी को भेजेंगे। ऐसे व्यक्तियों के घर जाकर देखना होगा की उनके घर में गृह संगरोध के लिए उचित आवासीय सुविधा उपलब्ध है या नहीं। आशा कार्यकर्ताओं व स्थानीय चिकित्सा अधिकारी को क्वांरटीन व्यक्ति की स्वास्थ्य जांच, लक्षण वाले मामले के सैम्पल लेने होंगे। मुख्य चिकित्सा अधिकारी को प्राथमिक काॅन्टेक्ट से संबंधित सूचि संबंधित उपमण्डलाधिकरी/राजस्व अधिकारी को भेजनी होगी ताकि होम-क्वांरटीन/आईसोलेशन की अनुपालना सुनिश्चित बनाई जा सके।
संबंधित उमण्डलाधिकारी, तहसीलदार/नायब तहसीलदार की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स/उड्डन दस्ते का गठन करेंगें जिसमें स्वास्थ्य कर्मचारी, पुलिस कर्मचारी व अन्य विभागों के अधिकारी सदस्य होंगे जो कोविड को लेकर सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का सही प्रकार पालन हो रहा है को सुनिश्चित बनाएगें और पंचायत नोडल अधिकारी के कार्य पर भी नजर रखेंगें।
यदि दिशा-निर्देशों की अवेह्लना सामने आती है तो ग्राम पंचायत प्रधान भी कार्यवाही कर सकेंगें और उन्हें यह सूचना उपमण्डलाधिकारी व खण्ड विकास अधिकारी को देनी होगी ताकि वे नियमों के अनुसार कार्यवाही कर सकें। यदि कोई व्यक्ति आईसोलेशन व क्वांरटीन प्रोटोकाॅल व दिशा-निर्देशों की अवेह्लना करता है तो उसे आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 व अन्य अधिनियमों के तहत जुर्माना किया जाएगा।