जिला ग्रामीण विकास विभाग किन्नौर द्वारा आज राष्ट्रीय ग्रामीण आजीवीका मिशन के तहत स्थानीय स्वयं सहायता समूह की और से स्थानीय उत्पादों पर आधारित प्रदर्शनी का शुभारम्भ करते हुए उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा कि जिला प्रशासन स्वयं सहायता समूह द्वारा तैयार किए गए उत्पादों की विक्रय के लिए हर संभव सहायता करेगा ताकि स्वयं सहायता समूह के सदस्यों को अपने उत्पादों का उचित मूल्य मिल सके।
उन्होंने कहा कि किन्नौर जिला प्रदेश सहित देश भर में किन्नौरी शाॅल, मफलर, टोपी के इलावा स्थानीय उत्पादों चूली, बैमी के तेल व राजमाह, कोदरा, फाफड़ा व ओगला के लिए जाना जाता है। इन सभी उत्पादों के विपरण के सही प्रबंध की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि रिकांग पिओ स्थित पर्यटन सूचना केन्द्र में जिले के उत्पादों की बिक्री व प्रदर्शनी के लिए स्थान उपलब्ध करवाया जाएगा ताकि स्वयं सहायता समूह अपने उत्पादों को यहां बेच सके तथा यहां आने वाले पर्यटकों को भी एक ही छत के नीचे जिले के सभी उत्पाद उपलब्ध हो सके।
उन्होंने कहा कि इसके इलावा राष्ट्रीय उच्च मार्ग-5 पर स्थानीय उत्पादों के विक्रय के लिए हाॅट स्थापित करने की संभावनाएं तलाशी जाएगी ताकि राष्ट्रीय उच्च मार्ग से स्पीति व काजा की और जाने वाले पर्यटक किन्नौरी उत्पादों को खरीद सकें।
हेमराज बैरवा ने स्थानीय स्वयं सहायता समूह से आग्रह किया कि वे तैयार किए जाने वाले उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार लाएं तथा पर्यटकों व बाजार की मांग के अनुरूप उत्पाद तैयार करें। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह को स्थानीय लोगों की मांग के साथ-साथ पर्यटकों की मांग के अनुरूप ऐसे उत्पाद तैयार करने चाहिए जिनकी कीमत आम आदमी की पहुंच में हो।
दुर्गा स्वयं सहायता समूह पांगी, नागिन स्वयं सहायता समूह शुदारंग, जय मरकारिंग ग्राम संगठन खवांगी, चांद स्वयं सहायता समूह कोठी, अनमोल ग्राम संगठन, किन्नर कैलाश स्वयं सहायता समूह दूनी-ब्रेरलगीं, पारवती स्वयं सहायता समूह कल्पा ने आज रिकांग पिओ स्थित कला केन्द्र में अपने उत्पादों के स्टाॅल लगाए।
इस अवसर पर उपमण्डलाधिकारी कल्पा डाॅ. मेजर अवनींद्र कुमार, परियोजना अधिकारी ग्रामीण विकास अभिकरण जयंवती ठाकुर, जिला उद्योग केन्द्र के प्रबंधक जेआर अभिलाषी, उपनिदेशक उच्चतर शिक्षा जोगिन्द्र सिंह राव व अन्य इस अवसर पर उपस्थित थे।