
गुरु नानक देव जी का जन्म गांव तलवंडी, शेडखुपुरा डिस्ट्रिक, पंजाब में हुआ था। प्रत्येक वर्ष कार्तिक पूर्णिमा का दिन गुरुनानक दिवस के रुप में मनाया जाता है। गुरु नानक जी अपने कई महान कार्यों के लिए जाने जाते हैं। गुरु नानक जी को विश्व भर में सांप्रायिक एकता, सच्चाई, शांति, सदभाव के ज्ञान को बांटने के याद किया जाता है। साथ ही सिख समुदाय की नीव को रखने का क्षेय में गुरु नानक जी को दिया जाता है।
गुरु नानक जी अपने महान उद्देश्य के ज्ञान के कारण भी जाने जाते है। क्या आपको यह पता है कि पूरी दुनिया को अपने उद्देश्य के बारे में बताने के लिए गुरु नानक जी ने अपना घर छोड़ दिया था। घर छोड़कर गुरु नानक जी अपने सिद्धांत और नियमों का प्रचार करने के लिए निकल गए थे। और एक सन्यासी का रुप धारण कर लिया था। अपने उद्देश्य से गुरु नानक जी ने कमजोर लोगों की मदद के लिए खूब प्रचार किया। साथ ही गुरु नानक जी ने भेद, मूर्ति पूजा और धार्मिक विश्वासों के खिलाफ अपने प्रचार को आगे बढ़ाया।

गुरु नानक जी की जीवन की यात्रा 25 साल तक चली। इन 25 सालों में गुरु नानक जी ने अपने उद्देश्य का बढ़ चढ़कर प्रचार किया। और आखिरी में श्री गुरु नानक देव जी ने अपनी यात्रा 25 साल खत्म कर दी।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय तथा मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने गुरु नानक जयन्ती के अवसर पर प्रदेशवासियों, विशेषकर सिक्ख समुदाय के लोगों को बधाई दी है।
राज्यपाल ने अपने संदेश में कहा कि गुरु पर्व सिक्खों का पवित्र त्यौहार है, जिसे सिखों के प्रथम गुरु श्री गुरु नानक देव जी के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि गुरूजी की शिक्षाओं का अनुसरण कर हम शांतिपूर्ण जीवन व्यतीत कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने बधाई संदेश में कहा कि गुरु नानक देव जी ने प्रेम, शांति तथा साम्प्रदायिक सद्भाव का सन्देश दिया है। उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव जी ने विश्वबन्धुत्व पर बल दिया तथा उनकी शिक्षाएं मौजूदा परिपे्रक्ष्य में और भी प्रासंगिक हो जाती हैं।