नगर निगम शिमला में जगह-ंजगह कूड़ाकर्कट तो हर मुहल्ले में फैला दिखाई ही देता है लेकिन हद तब हो जाती है जबकि किसी की बिल्ंिडग के साथ उसके पड़ोसी के द्वारा अतिक्रमण की गई जगह पर नाजायज तौर पर बनाए गये सेप्टिक टैंक से मल और दूषित पानी लगातार कई वर्षों से रिसता हुआ बह रहा होता है। ऐसा ही वाक्या “न्यू टूटू” शिमला में देखने में आया है। पड़ोसी ने नगर निगम को अपने पत्र द्वारा आगाह किया है कि इससे कोई भी “जानलेवा बीमारी” पैदा हो सकती है और इस बारे में अतिशीघ्र उचित ठोस कार्यवाही की जानी आवश्यक है ताकि पड़ोस में रहने वालों को गन्दी बदबू और वातावरण से निजात मिल सके और बीमारी न फैल सके। शिकायतकर्ता ने “नगर निगम” को इससे होने वाली “लाईलाज बिमारियों” की फैहरिस्त भी भेजी है।
लेकिन जब “नगर निगम ने इस बारे में कोई कार्यवाही नहीं की” तो शिकायतकर्ता ने “प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड” को शिकायत पत्र के साथ उक्त स्थान की वीडियो फिल्म भी भेजी जिस पर उन्होंने तत्काल कार्यवाही कर उक्त स्थान का निरिक्षण किया और सम्बधित व्यक्ति को निर्देश दिया कि वह तत्काल अपने सेप्टिक टैंक को ठीक करवाए अन्यथा उस पर बोर्ड द्वारा कार्यवाही की जाएगी। मकान मालिक को इस बारे बोर्ड द्वारा नोटिस भी जारी कर दिया गया। प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की त्वरित कार्यवाही से प्रदूषण को दूर करने में लिए जा रहे शीघ्र कदमों से समाज में दूषित वातावरण को लेकर फैल रही विकृति को कुछ हद तक तो दूर किया ही जा सकता है।