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चीन ने अपनी नौसेना को दुनिया की सबसे बड़ी नौसैनिक फौज बना ली है. उसने पिछले कुछ सालों में अपनी नौसेना की ताकत में कई गुना इजाफा किया है. साथ ही अब वह भारत को घेरने की पूरी तैयारी में है. चीन चाहता है कि वह पाकिस्तान, श्रीलंका और म्यांमार में अपने नौसैनिक अड्डे बनाए. सिर्फ इतना ही नहीं, वह इंडो-पैसिफिक रीजन में भी अपने नौसैनिक अड्डे बनाना चाहता है. भारत को इस बात ख्याल रखना चाहिए कि चीन हिंद महासागर में अपनी नौसैनिक ताकत में तेजी से इजाफा कर रहा है.
चीन के पास अभी 350 युद्धपोत और पनडुब्बियां हैं. इनमें से 130 से ज्यादा तो सरफेस कॉम्बेटेंट्स हैं. जबकि, अमेरिका के पास सिर्फ 293 युद्धपोत ही हैं. हालांकि, अमेरिकी युद्धपोत चीन से ज्यादा आधुनिक हैं. अमेरिका के पास 11 एयरक्राफ्ट कैरियर हैं, जिनमें हर एक पर 80 से 90 फाइटर जेट तैनात हो सकते हैं. जबकि, चीन के पास दो ही एयरक्राफ्ट कैरियर हैं.
भारतीय नौसेना की बात करें तो नौसैनिक ताकत काफी कम है. भारत के पास एक एयरक्राफ्ट कैरियर, एक उभयचर ट्रांसपोर्ट डॉक, 8 लैंडिंग शिप टैंक्स, 11 डेस्ट्रॉयर, 13 फ्रिगेट्स, 23 कॉ़र्वेट्स, 10 लार्ज ऑफशोर पेट्रोल वेसल, 4 फ्लीट टैंकर्स समेत कुछ अन्य वाहन हैं. भारत के पास 15 इलेक्ट्रिक-डीजल ऑपरेटेड पनडुब्बियां और 2 परमाणु पनडुब्बियां ही हैं. पेंटागन की रिपोर्ट के अनुसार चीन थाईलैंड, सिंगापुर, इंडोनेशिया, संयुक्त अरब अमीरात, केन्या, सेशल्स, तंजानिया, अंगोला और तजाकिस्तान में अपने ठिकाने बनाने के प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है.