[metadata element = “date”]
वैश्विक महामारी कोरोना के चलते बंजार की तीर्थन और जीभी घाटी में सभी पर्यटन गतिविधियों पर फिलहाल रोक है। हालांकि प्रदेश में सरकार ने करीब सभी व्यवसायों को चलाने की अनुमति दे दी है। ऐसे मेें अब घाटी में पर्यटन कारोबार को फिर संचालित करने के लिए कारोबारियों ने तैयारी शुरू कर दी है। जीभी वैली पर्यटन विकास एसोसिएशन के अध्यक्ष ललित ने कहा कि बैठक में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया है कि घाटी को पांच सितंबर से पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा। इसके लिए घाटी के पर्यटन कारोबारियों ने होटलों और होम स्टे की एडवांस बुकिंग भी शुरू कर दी है। यहां पर सैकड़ों होम स्टे और होटल हैं। पर्यटकों के लिए एसोसिएशन की ओर से गाइडलाइन जारी की गई है, जिसका पालन करना जरूरी होगा। 60 फीसदी आवास क्षमता के साथ न्यूनतम ठहराव दस दिन निर्धारित किया गया है। जीभी वैली पर्यटन विकास एसोसिएशन और तीर्थन संरक्षण एवं पर्यटन विकास एसोसिएशन की बैठक अध्यक्ष वरुण भारती तथा ललित की अध्यक्षता में हुई।
इसमें पर्यटन से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई। कोरोना महामारी के संक्रमण के मद्देनजर पर्यटन कारोबार को कैसे संचालित करना है, इसको लेकर एसोसिएशन के सदस्यों और स्थानीय ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों ने अपने विचार रखे। तीर्थन संरक्षण एवं पर्यटन विकास एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि तीर्थन घाटी में पर्यटकों की आवाजाही के लिए गाइडलाइन तैयार की गई है। घाटी में जो भी पर्यटक आना चाहे, उसे सरकार की ओर से निर्धारित नियमों के तहत कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट का प्रमाणपत्र, ई पास और एडवांस बुकिंग के साथ एसोसिएशन की गाइडलाइन का पालन करना होगा। उन्होंने कहा कि इस बारे में घाटी के पर्यटन कारोबारियों को जागरूक और प्रशिक्षित किया गया है। बैठक में महेंद्र सिंह, मुरली चंद, मेघ सिंह, नरेश कुमार, अमन नेगी, खेम भारती, रविंद्र नेगी, मोहिंद्र विष्ट, हेमराज, आशीष प्रभात, मोहिंद्र नेगी, रमाकांत, बलवीर टिली, राजेंद्र सिंह, पूर्ण चंद, देवप्रिय दाम, क्रिस्टोफर मित्रा, यज्ञ चंद, सुंदर सिंह आदि मौजूद रहे।