पीड़ित लड़की ने बातचीत करते हुए बताया कि कैसे आरोपी उसे परेशान करते थे. घर के बाहर जाने पर उसके साथ अक्सर छेड़छाड़ होती थी. उस पर फब्तियां कसी जाती थीं. इस मामले को लेकर पुलिस से भी शिकायत की गई थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की थी.
यूपी के गाजियाबाद में पत्रकार विक्रम जोशी पर हुए जानलेवा हमले के बाद पीड़ित लड़की ने आजतक से बातचीत करते हुए बताया कि कैसे आरोपी उसे परेशान करते थे. घर के बाहर जाने पर उसके साथ अक्सर छेड़छाड़ होती थी. उस पर फब्तियां कसी जाती थीं. इस मामले को लेकर पुलिस से भी शिकायत की गई थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की थी.
पहली बार पीड़ित लड़की सामने आई और उसने आजतक से कहा कि उसके साथ पहले भी कई बार छेड़छाड़ हुई थी. घर से बाहर आने जाने पर आरोपी फब्तियां कसते थे. उसने बताया कि पुलिस को शिकायत दी थी, पर कुछ नहीं हुआ.
जब पत्रकार विक्रम जोशी पर हमला किया गया. उनके साथ उनकी दो बेटियां भी बाइक पर सवार थीं. उनकी बड़ी बेटी 8 साल की है, जबकि छोटी बेटी 5 साल की है. बड़ी बेटी ने बताया “पापा बाइक चला रहे थे, बीच में छोटी बेटी बैठी थी. मैं पीछे थी. जैसे ही हम सड़क पर पहुंचे, कुछ लोग आए और गाड़ी गिरा दी. पापा को मारने लगे. एक ने गोली मार दी.”
उस घटना से सहमी बच्ची के मुताबिक, “कोई मदद को नहीं आया. एक आदमी आया उसने बोला कि उठो, लेकिन पापा नहीं उठे. खून निकल रहा था. फिर घर वाले आए और उन्हें हॉस्पिटल ले गए.” दरअसल, इसी दौरान विक्रम की छोटी बेटी रोते हुए वहां से भाग निकली और गली में स्थित अपने घर जाकर घर वालों को बताया कि उसके पापा को मार रहे हैं. फिर सभी लोग भाग कर आए और विक्रम को हॉस्पिटल ले गए.
उधर, गाजियाबाद पुलिस ने पत्रकार विक्रम जोशी पर जानलेवा हमले के मामले में कार्रवाई तेज कर दी है. अभी तक 9 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं. बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस कप्तान कलानिधि नैथानी ने 6 टीम बनाई हैं. इसी मामले में प्रताप विहार के चौकी इंचार्ज को निलंबित किया गया है. पुलिस ने आईपीसी की धारा 307, 34, 506 के तहत मुकदमा दर्ज किया है. पुलिस ने तीन में से दो नामजद आरोपियों रवि और छोटू को गिरफ्तार किया है. बाद में इनके सात अन्य साथी भी गिरफ्तार किए गए हैं.