Himachal News : राजीव गांधी प्राकृतिक खेती स्टार्ट-अप योजना से आएगी किसानों के जीवन में खुशहाली

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Rajiv Gandhi Natural Farming Start-up Scheme will bring prosperity in the lives of farmers

हिमाचल प्रदेश की एक बड़ी आबादी कृषि और कृषि संबंधित कार्यों से आजीविका अर्जित करती है। मेहनतकश किसान खून-पसीना बहाकर खेतों से सोना उगाते हैं। अन्नदाता को उनकी मेहनत का वाजिब दाम मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने अनेक महत्त्वकांक्षी योजनाएं शुरू की हैं।
प्रदेश सरकार की राजीव गांधी प्राकृतिक खेती स्टार्ट-अप योजना किसानों की आय में बढ़ोतरी का मार्ग प्रशस्त करेगी। योजना के प्रथम चरण में प्रत्येक पंचायत से 10 किसानों को रसायनमुक्त खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। योजना के अंतर्गत लगभग 36 हजार किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। योजना से जुड़ने वाले किसानों द्वारा प्राकृतिक रूप से तैयार गेहूं को 40 रुपये और मक्की को 30 रुपये प्रति किलो के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा। देश में गेहूं और मक्की पर दिया जाने वाला यह सबसे अधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य होगा।
किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने की प्रदेश सरकार की मुहिम रंग ला रही है। वर्तमान में प्रदेश के 1,78,643 किसान-बागवान परिवारों ने प्राकृतिक खेती पद्धति को अपनाया है। प्रदेश में 24,210 हेक्टेयर भूमि पर इस विधि से खेती की जा रही है और चरणबद्ध तरीके से प्रदेश के 9.61 लाख किसान परिवारों को प्राकृतिक खेती से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। योजना के अंतर्गत वित्त वर्ष 2023-2024 में 1275.31 लाख रुपये व्यय कर 37,087 किसानों को लाभान्वित किया गया और 13,176 हेक्टेयर भूमि को प्राकृतिक भूमि के अधीन लाया गया है। प्राकृतिक खेती उत्पादों की बिक्री के लिए 10 मंडियों में स्थान निर्धारित कर आधारभूत अधोसंरचना का निर्माण किया जा रहा है।
किसान एवं उपभाक्ताओं के मध्य पारदर्शिता सुनिश्चित करने हेतु नवोन्मेषी पहल की गई है। इस पहल के तहत ूूूण्ेचदीिचण्पद के तहत अभी तक प्रदेश के 76,000 से अधिक प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों का पंजीकरण किया जा चुका है और 74,283 किसानों-बागवानों को प्रमाण-पत्र दिए जा चुके हैं। https://tatkalsamachar.com/chamba-news-international-minjar/ यह प्रमाणीकरण पूरी तरह से निशुल्क है और पार्टिसिपेटरी गारंटी सिस्टम (पीजीएस) द्वारा स्थापित मानकों को भी पूरा करता है। प्रदेश सरकार द्वारा प्रत्येक गांव में प्राकृतिक खेती संसाधन भंडार खोलने के लिए 10,000 रुपये तक की सहायता राशि प्रदान करने का भी प्रावधान है।
पर्यावरण संरक्षण, फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने और फसल उत्पादन लागत को कम करने में प्राकृतिक खेती योजना मील पत्थर साबित हो रही है। https://youtu.be/nyGdgNGe5dk?si=375nY3qJq-aJtEUs मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू सभी वर्गों व क्षेत्रों का समग्र और समान विकास करने के लिए समुचित प्रयास कर रहे हैं। कृषि क्षेत्र प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और इस क्षेत्र को बढ़ावा प्रदान करने के लिए शुरू की गई योजनाओं के सकारात्मक परिणाम धरातल पर देखने को मिल रहे हैं।

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