नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में शनिवार को सुरक्षाबलों ने हिजबुल मुजाहिदीन (Hizbul Mujahideen) के आतंकियों के साथ पुलिस अधिकारी दविंदर सिंह (DSP Davinder Singh) को गिरफ्तार किया. दविंदर सिंह से जल्द ही इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) और रॉ (RAW) की टीम पूछताछ करने वाली हैं. इसके अलावा कहा जा रहा है कि दविंदर का राष्ट्रपति मेडल भी छीना जा सकता है. इस बीच यह भी खुलासा हुआ है कि दविंदर सिंह श्रीनगर (Srinagar) में आर्मी बेस के निकट अपना एक घर भी बनवा रहा था.
दविंदर सिंह श्रीनगर के इंदिरानगर इलाके में एक आलीशान घर बनवा रहा था. बता दें ये इलाका श्रीनगर का सबसे सुरक्षित क्षेत्र माना जाता है. दविंदर का ये घर 2017 से तैयार हो रहा है. इस घर की दीवार 15 कॉर्प्स के हेडक्वार्टर्स से लगी हुई है.
किराये के घर पर रह रहा था परिवार
रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि दविंदर पिछले पांच सालों से अपने किसी रिश्तेदार के घर में किराये पर रह रहा था. पुलिस ने दविंदर के घर से हथियार और गोला बारूद भी बरामद किए हैं.
बता दें दविंदर सिंह के दो बच्चे हैं- उनकी बड़ी बेटी बांग्लादेश में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है और बेटा कश्मीर के जाने-माने बर्न हॉल स्कूल में पढ़ रहा है.
पुलिस ने फिर की छानबीन
वहीं पुलिस ने सोमवार को दविंदर सिंह के आवास पर फिर से छानबीन की. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पूछताछ के दौरान सिंह द्वारा कुछ खुलासे के बाद उनके इंदिरा नगर आवास पर छापेमारी की गयी. सिंह के आवास से किस तरह की चीजें बरामद की गयी हैं, इस बारे में अधिकारी ने बताने से मना कर दिया.अत्यंत सुरक्षा वाले श्रीनगर हवाई अड्डे पर तैनात सिंह को हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकी नवीद बाबू और अल्ताफ के साथ शनिवार को तब गिरफ्तार किया गया था, जब वह कार से उन्हें श्रीनगर से दक्षिण कश्मीर ले जा रहे थे.
घर से मिलीं दो पिस्तौल और एक AK-47
दक्षिण कश्मीर के उप महानिरीक्षक अतुल गोयल के नेतृत्व वाली टीम ने उनका पीछा किया. उनके पास से दो एके राइफल जब्त की गयी. सिंह के आवास की तलाशी ली गयी और वहां से पुलिस ने दो पिस्तौल और एक एके राइफल जब्त की.
कश्मीर पुलिस के महानिरीक्षक (आईजी) विजय कुमार ने कहा था कि पुलिस अधिकारी “घृणित अपराध” में संलिप्त थे और उनके साथ आतंकवादियों जैसा ही सलूक किया जा रहा है और सभी सुरक्षा एजेंसियां संयुक्त रूप से उससे पूछताछ कर रही हैं. उन्होंने कहा कि यह मामला गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून और हथियार कानून के तहत दर्ज किया गया है.