नई दिल्ली। बिजली के बिल का आयकर से कितना संबंध है यह आपने शायद ही कभी सोचा हो। लेकिन अब इसका बेहद ही गहरा संबंध सामने आया है। दरअसल, आयकर विभाग ने व्यक्तिगत करदाताओं के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फॉर्म में बड़े बदलाव किए हैं। इसके बाद एक तय रकम का बिजली बिल भरने वालों के लिए फार्म का स्वरूप अलग होगा। इसके अनुसार जो लोग एक लाख रुपए से अधिक बिजली का बिल भरने वाले हैं और घरों के संयुक्त मालिक और विदेश यात्रा पर सालाना दो लाख रुपए से अधिक खर्च करने वाले हैं तो वो अब आईटीआर-1 यानी सहज फॉर्म से रिटर्न फाइल नहीं कर सकेंगे।
आमतौर पर व्यक्तिगत आयकर रिटर्न के लिए सरकार प्रत्येक वर्ष अप्रैल में अधिसूचना जारी करती है। लेकिन इस बार असेसमेंट वर्ष 2020-21 (जिस दौरान वित्त वर्ष 2019-20 की कमाई पर टैक्स की गणना की जाएगी) के लिए जनवरी के पहले सप्ताह में ही अधिसूचना जारी कर दी गई।
अधिसूचना के मुताबिक आईटीआर में दो महत्वपूर्ण परिवर्तन किए गए हैं। कोई व्यक्तिगत करदाता, जिसके नाम सम्मिलित रूप से कोई मकान है, वह आईटीआर-1 या आईटीआर-4 के माध्यम से रिटर्न नहीं भर सकता है। इसके लिए उसे अलग से फॉर्म भरकर विस्तृत ब्योरा देना होगा। ऐसे व्यक्तिगत करदाता भी इस फॉर्म के जरिए रिटर्न फाइल नहीं कर सकेंगे जिन्होंने बैंक खाते में एक करोड़ रुपए से अधिक राशि जमा कर रखी है। सालाना दो लाख रुपए या अधिक विदेश यात्रा के लिए खर्च करने अथवा एक लाख रुपए से अधिक बिजली का बिल भरने वाले करदाताओं को भी अपना रिटर्न दूसरे फॉर्म के जरिए भरना होगा।