नई दिल्ली. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) अधिकतम 65 वर्ष की आयु तक अपने पद पर रह सकते हैं। रक्षा मंत्रालय ने नौसेना, वायुसेना और थल सेना के सर्विस रूल में भी यह बदलाव किया है। अभी सेना प्रमुख अधिकतम 62 वर्ष या तीन वर्ष के कार्यकाल (दोनों में से जो पहले आता हो) तक अपने पद पर रह सकते हैं। किसी सेना प्रमुख को सीडीएस बनाए जाने पर आयु सीमा का नियम आड़े न आए इसलिए रक्षा मंत्रालय ने सर्विसेस के नियमों में सुधार किया है।
सीडीएस का कार्यकाल कितना होगा, इस बारे में मंत्रालय ने कोई जानकारी नहीं दी है। माना जा रहा है कि आर्मी चीफ बिपिन रावत देश के पहले सीडीएस होंगे और इसकी घोषणा मंगलवार तक कर दी जाएगी।
पद छोड़ने के बाद सरकारी और निजी पद नहीं ग्रहण कर सकते सीडीएस
कैबिनेट कमेटी ने मंगलवार को सीडीएस के पद को मंजूरी दी थी। यह रक्षा मंत्रालय के लिए मुख्य सैन्य सलाहकार के तौर पर काम करेंगे। सीडीएस अपना पद छोड़ने के बाद किसी भी सरकारी पद पर नहीं रह सकते हैं। पद छोड़ने के 5 साल बाद तक बिना पूर्व अनुमति के सीडीएस निजी पद भी ग्रहण नहीं कर सकते हैं।
4 स्टार जनरल के बराबर होगा सीडीएस का ओहदा
कैबिनेट बैठक में तय किया गया था कि सीडीएस का पद 4 स्टार जनरल के बराबर होगा। केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया था कि सीडीएस सरकार के प्रधान सैन्य सलाहकार होंगे, लेकिन तीनों सेनाओं के प्रमुख पहले की तरह अपने क्षेत्र से संबंधित मामलों में रक्षा मंत्री को सलाह देते रहेंगे। सीडीएस तीनों सेनाओं से संबंधित मुद्दों पर सरकार और सैन्य बलों के बीच संपर्क सेतु की तरह काम करेंगे। इस पद पर नियुक्त किए जाने वाले अधिकारी पर, सेना के तीनों अंगों के बीच कामकाज में समन्वय स्थापित करने और वित्तीय मामलों में सलाह देने की जिम्मेदारी होगी