Shimla : बागवानी मंत्री ने मास्टर ट्रेनरों को प्रमाण-पत्र प्रदान किए

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    राजस्व, बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी एवं मुख्य संसदीय सचिव, संसदीय मामले व बागवानी मोहन लाल ब्राक्टा ने आज समेती मशोबरा में आयोजित एक कार्यक्रम में मास्टर ट्रेनरों से संवाद किया और उन्हें प्रमाण-पत्र वितरित किए। इसमें 30 अधिकारी और 25 किसान शामिल हुए।
    यह संस्थागत मास्टर ट्रेनर्ज प्रशिक्षण न्यूजीलैंड प्लांट फूड एंड रिसर्च लिमिटेड के अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों द्वारा विश्व बैंक वित्तपोषित हिमाचल प्रदेश बागवानी विकास परियोजना के अंतर्गत प्रदान किया जा रहा है।


    न्यूजीलैंड प्लांट फूड एंड रिसर्च लिमिटेड (एनजेड पीएफआर) एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त शोध संस्थान है। यह न्यूजीलैंड के उद्योगों के लिए उच्च मूल्य वाले खाद्य पदार्थों और फसलों पर विशेष ध्यान केंद्रित करता है। एनजेड पीएफआर के विशेषज्ञ 2018 से परियोजना के साथ कार्य कर रहे हैं। इसके माध्यम से उच्च घनत्व वाले बागीचों की स्थापना और प्रबंधन के संदर्भ में बागवानी विभाग के तकनीकी कर्मचारियों और किसानों की क्षमता के निर्माण के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।


    इन विशेषज्ञों से प्रशिक्षण प्राप्त करने का मुख्य उद्देश्य उच्च और मध्यम घनत्व वाले बागीचों की स्थापना और मौजूदा बागीचों के वैज्ञानिक प्रबंधन के लिए प्रासंगिक सूचना उन्नत प्रौद्योगिकी के प्रसार द्वारा उद्यान विभाग व किसानों की कार्यान्वयन क्षमताओं को मजबूत करना तथा सेब की उत्पादकता में सुधार करना है।


    इन विशेषज्ञों ने संपूर्ण हिमाचल प्रदेश का दौरा किया है और वे राज्य में खेती-बाड़ी के तौर तरीकों से परिचित हैं। प्रदेश के दौरे के दौरान विशेषज्ञों ने उच्च घनत्व वाले बागीचों की स्थापना एवं प्रबंधन के संबंध में विभागीय अधिकारियों एवं किसानों को प्रशिक्षण प्रदान किया तथा सीडलिंग आधारित वृक्षों के प्रबंधन का व्यावहारिक प्रदर्शन भी किया। एनजेड पीएफआर विशेषज्ञों ने लगभग 500 तकनीकी अधिकारियों और 4000 किसानों को संस्थागत और विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षण दिया है। इसमें कैनोपी प्रबंधन, फसल प्रबंधन, वृक्ष पोषण, ट्रंक गर्डलिंग, नए बाग रोपण, सिंचाई प्रबंधन, कीट और रोग प्रबंधन आदि शामिल हैं।
    विभागीय अधिकारियों को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया जा रहा है और उन्हें पहले से ही तीन दौर का प्रशिक्षण दिया जा चुका है और ये सभी अधिकारी विशेषज्ञों द्वारा किए जा रहे फील्ड प्रदर्शनों के दौरान सक्रिय रूप से शामिल हैं।


    वर्तमान कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों ने बागीचांे के जीर्णोद्धार, कवकनाशी और जैव नियंत्रण, पोषक तत्व प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण कारक, रोग जोखिम और प्रबंधन, बढ़ते गाला और फूजी, मृदा मूल्यांकन और नाइट्रेट परीक्षण स्प्रे छिड़काव और छंटाई के बारे में प्रशिक्षण प्रदान किया गया।


    प्रतिभागियों को व्यावहारिक प्रदर्शन के लिए क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान और प्रशिक्षण संस्थान मशोबरा का भ्रमण भी करवाया गया। मास्टर ट्रेनरों के प्रशिक्षण से अधिकारियों और किसानों को नई और बेहतर तकनीकों के तेजी से प्रसार में मदद मिलेगी, ताकि बड़े पैमाने पर कृषक समुदाय को आगे बढ़ने के अवसर प्राप्त हो सकें ।


    विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित 1066 करोड़ रुपये की बागवानी विकास परियोजना (एचडीपी) हिमाचल प्रदेश में समशीतोष्ण फलों के लिए एक महत्वाकांक्षी परियोजना है। यह मुख्य रूप से अनुसंधान और विकास के साथ 4 घटकों जिसमें गुणात्मक फल उत्पादन, फसल के पहले और बाद के प्रबंधन, बाजार बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित करना शामिल है। https://www.tatkalsamachar.com/shimla-weekly-horoscope-2/ अब तक परियोजना के 70 प्रतिशत लक्ष्यों को प्राप्त किया जा चुका है। यह उम्मीद है कि बागवानी विकास परियोजना के सफल कार्यान्वयन के उपरांत प्रदेश के समग्र बागवानी क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव पाएंगे।


    न्यूजीलैंड की तकनीकी विशेषज्ञ टीम में कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. मोंतगोमरी, विशेषज्ञ डॉ. जैक ह्यूज, डॉ. माइक नेल्सन व डॉ. डेविड मैंक्टिलो शामिल हैं।
    इस अवसर पर परियोजना निदेशक सुरेश मोख्टा और बागवानी विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

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