राम कुमार गौतम ने कहा कि सिरमौर जिला में समेकित बाल विकास परियोजनाओं के तहत चल रहे कार्यक्रमों और योजनाओं के समयबद्ध निष्पादन में बाल विकास परियोजना अधिकारियों की अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि सभी बाल विकास परियोजना अधिकारी विभाग के तहत चल रही सभी योजनाओं का समयबद्ध कार्यान्वयन और पात्र लोगों तक लाभ पहुंचाना सुनिश्चित बनाएं। उन्होंने कहा कि अधिकारी समय-समय पर फील्ड में प्रवास करें और परियोजना के तहत चल रही योजनाओं और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन की मानिटरिंग करें।
उपायुक्त सिरमौर राम कुमार गौतम आज नाहन में बाल विकास परियोजनाओं की जिला स्तरीय निगरानी एवं समीक्षा समिति की बैठक की अध्यक्षता के अवसर पर उपस्थित अधिकारियों को सम्बोधित कर रहे थे।
उपायुक्त ने कहा कि सभी बाल विकास परियोजना अधिकारी जिला के सभी केन्द्रों मंे आगंवाड़ी सहायिकाओं और कार्यकर्ताओं के 26 खाली पदों को नियमानुसार 45 दिन के भीतर हर हाल में भरना सुनिश्चित करें और किसी आंगनबाड़ी केन्द्र को अनावश्यक रूप से लंबे समय तक खाली न रखें।
उपायुक्त ने बताया कि जिला में 1486 आंगनबाड़ी केन्द्र कार्यरत हैं जिसमें से 480 केन्द्र सरकारी भवनों, 49 महिला मंडल भवनों, 13 पंचायत घरों, 144 स्कूल भवनों, 79 सामुदायिक भवनों तथा 9 युवक मंडल भवनों में चल रहे हैं।
उन्होंने आंगबाड़ी केन्द्रों के सभी निर्माणाधीन भवनों का निर्माण कार्य समय पर पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जहां पर सरकारी भवन नहीं है वहां के क्षेत्र के स्कूलों में आंगनबाड़ी केन्द्र चलाने के प्रस्ताव तैयार करें। बाल विकास परियोजना अधिकारी स्वयं स्कूलों में जाकर उपलब्ध भवन की जांच करें और उचित पाये जाने पर वहां पर शिक्षा विभाग की सहमति से आंगनबाड़ी केन्द्रों को स्थानांरित करें।https://www.tatkalsamachar.com/kullu/
उन्होंने बाल विकास परियोजना अधिकारियों से कहा कि जिन आंगनबाड़ी केन्द्रों के अपने भवन नहीं हैं वहां पर नये आंगनबाड़ी केन्द्रों के भवन के लिय भूमि का चयन करें और मामला विभाग को भेजें ताकि ऐसे केन्द्रों के लिए भूमि चिन्हित की जा सके।
उपायुक्त ने विभाग को निर्देश दिए कि सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में समय पर शिशुआंे माताओं को राशन तथा अन्य सुविधाएं मिलना सुनिश्चत बनाएं। उन्होंने बाल विकास परियोजना अधिकारियों को फील्ड में जाकर स्वयं राशन वितरण की स्थिति का जायजा लेने के लिए कहा ताकि कोई भी पात्र शिशु अथवा माता किसी भी योजना के लाभ से वंचित न रहे।
उन्होंने जल शक्ति विभाग को निर्देश दिए कि सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में पेयजल व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए पेयजल कनैक्शन देना सुनिश्चित बनाएं। उन्होेंनें आंगनबाड़ी केन्द्रों में शौचालयों की मुरम्मत के लिए सरकार द्वारा जारी 50-50 हजार रुपये की राशि से समय पर मुरम्मत कार्य पूरा करने के निर्देश दिए।
उपायुक्त ने नये आंगबाड़ी भवनों के निर्माण के कार्यों को सरकार की योजना के अनुरूप मनरेगा में डालने के लिए आगामी 2 अक्तूबर की विशेष ग्राम सभाओं में मामले लाने के लिए अधिकारिायों को निर्देश दिए।
राम कुमार गौतम ने बताया कि मुख्यमंत्री कन्या दान योजना के तहत पात्र लड़कियों को विवाह के लिए 51 हजार रुपये की राशि प्रदान की जाती है। वर्ष 2022-2023 में 134 लड़कियों को इस योजना का लाभ देने पर 68 लाख रुपये खर्च किए गए जबकि वर्ष 2021-22 में 181 लड़कियों को इस योजना का लाभ दिया गया जिस पर 92.20 लाख रुपये खर्च किए गए हैं।
उन्होंने विभाग के अधिकारियों को इस योजना की संपूर्ण जानकारी देने के लिए आगंडबाड़ी स्तर पर विशेष शिविर लगाने के निर्देश दिए ताकि अधिक से अधिक पात्र बेटियों को इस योजना का लाभ मिल सके।
उपायुक्त ने बताया कि मुख्यमंत्री शगुन योजना के तहत बीपीएल परिवार की बेटियों को शादी के लिए 31 हजार रुपये हैं दिए जाते है। वर्ष 2022-2023 में जिला में 153 पात्र महिलाओं को इस योजना का लाभ देने पर 47.43 लाख रुपये व्यय किए गए जबकि वर्ष 2021-22 में 300 महिलाओं को लाभ देने पर 93 लाख रुपये व्यय किए गए।
उन्होंने कहा कि बेटी है अनमोल योजना के तहत बीपीएल परिवार की दो बेटियों को 21 हजार रुपये की राशि एफ.डी. के तौर पर जन्म के समय दी जाती है। इस योजना के तहत वर्ष 2022-23 में 87 लाभार्थियों को 8.43 लाख रुपये की धनराशि प्रदान की गई जबकि वर्ष 2020-21 में 233 लाभार्थियों को को 36 लाख रुपये की धनराशि प्रदान की गई।
बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी सुनील शर्मा, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अजय पाठक, जिला कल्याण अधिकारी विवेक अरोड़ा, उप निदेशक उद्यान डा. सतीश शर्मा, परियोजना अधिकारी जिला ग्रामीण विकास अभिकरण अभिषेक मित्तल, जिला आयुर्वेद अधिकारी डा. राजन, विभिन्न खंडों के बाल विकास परियोजना अधिकारी व अन्य सम्बन्धित अधिकारी भी उपस्थित रहे।