राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने किन्नौर जिले के अपने दौरे के दूसरे दिन आज मस्तरांग छितकुल और नागेस्ती स्थित भारत तिब्बत सीमा पुलिस की द्वितीय कोर की चौकियों का दौरा किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने गोवा के विभिन्न स्कूलों के बच्चों द्वारा भेजी गई राखियों को स्वयं सैनिकों की कलाईयों पर बांधा तथा बच्चों की ओर से स्नेह एवं प्रेषित संदेश सैनिकों तक पहुंचाए। इस दौरान महिला सैनिकों ने भी राज्यपाल की कलाई पर राखियां बांधी। राज्यपाल ने नागेस्ती चौकी पर सेना के जवानों को भी राखियां बांधी।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि गोवा के बच्चों ने अपने नाम, अपने स्कूल तथा कक्षा के नाम के साथ ये राखियां भेजी हैं। उन्होंने बताया कि गोवा का एक संगठन हर साल बच्चों से राखी इकट्ठा करके सैनिकों को भेजता है। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल के रूप में कार्यभार संभालने के बाद उन्होंने तय किया कि वह खुद सैनिकों के बीच राखी लेकर आएंगे। राज्यपाल ने कहा कि पिछले साल उन्होंने लाहौल-स्पीति के सीमावर्ती क्षेत्रों में जाकर राखियां बांधी थीं। राज्यपाल ने कहा कि इस बार वह किन्नौर में आईटीबीपी की द्वितीय बटालियन के जवानों के बीच आकर स्वयं को सौभाग्यशाली मानते हैं।
राज्यपाल ने कहा, जवान वर्ष भर हमारी रक्षा करते रहते हैं और इसलिए उनके लिए हर समय रक्षा बंधन है। उन्होंने कहा कि गोवा से जो राखी आई हैं, वह गोवावासियों का इन जवानों के प्रति स्नेह का प्रतीक हैं। राज्यपाल ने कहा कि सीमाओं की सुरक्षा करने वाले सैनिक वास्तव में हमारी रक्षा करते हैं। उन्होंने कहा कि सीमाओं की रक्षा के लिए देश के हर कोने से सैनिक आते हैं और अपनी जान की परवाह किए बगैर वे हमारी सुरक्षा का ध्यान रखते हैं। जवानों का आभार व्यक्त करते हुए राज्यपाल ने इन चौकियों के खूबसूरत परिसर की सराहना भी की। उन्होंने कहा कि यह गोवा से भी ज्यादा सुन्दर हैं और वह यहां कुछ दिन रुकना चाहेंगे। उन्होंने कहा कि सैनिक प्रकृति की भी रक्षा कर रहे हैं।
इससे पहले, आईटीबीपी के डीआईजी प्रेम सिंह ने राज्यपाल का स्वागत किया तथा चौकियों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने गोवा के बच्चों की राखियां सैनिकों तक पहुंचाने के लिए आईटीबीपी चौकियों का चयन करने के लिए राज्यपाल का आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर राज्यपाल ने सैनिकों के साथ अल्पाहार लिया और उनके साथ कुछ समय भी व्यतीत किया।