परिवहन मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर ने बताया कि हिमाचल प्रदेश को इलैक्ट्रिक वाहनों के उपयोग के लिए देश भर में माॅडल राज्य के रूप में विकसित किया जाएगा । यह जानकारी उन्होंने आज यहां विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विभिन्न परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी।
उन्होंने कहा कि इलैक्ट्रिक वाहनों के उपयोग से प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ सत्त विकास की ओर अग्रसर होने में मदद मिलेगी और राज्य में रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश इलैक्ट्रिक वाहन नीति के कार्यान्वयन होने से लोग पुराने वाहनों के स्थान पर नए वाहन लेने के समय इलैक्ट्रिक वाहनों के उपयोग के लिए प्रेरित होंगे।
परिवहन मंत्री ने कहा कि लोगों की सुविधा के लिए प्रदेश में वाहनों के चार्जिंग स्टेशन और चार्जिंग प्वाईंट अधिक से अधिक संख्या में विकसित किए जाएंगे। यह सुविधा पैट्रोल पम्पों और अन्य स्थानों पर भी उपलब्ध होगी। इसके लिए हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड को नोडल एजेंसी के रूप में चिन्हित किया गया है।
बैठक में नादौन में ट्रांसपोर्ट नगर तथा ड्राईविंग प्रशिक्षण और जांच केन्द्र स्थापित करने के बारे में विस्तृत चर्चा की गई।
परिवहन मंत्री ने अधिकारियों को इस सम्बन्ध में आगामी शनिवार तक विस्तृत रिर्पोट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
उन्होेंने कहा कि स्वर्ण जयन्ती परिवहन योजना के तहत प्रदेश में 22 सितम्बर, 2021 से पहले राज्य स्तरीय समिति गठित की जाएगी। यह समिति प्रदेश में विभिन्न एम्बुलेंस सड़कों को एम्बुलेंस परिचालन के लिए पास करने के लिए अपनी संस्तुति देगी। प्रदेश में लगभग 300 एम्बुलेंस सड़कों को पास करने की प्रक्रिया आरम्भ की जाएगी।
बिक्रम सिंह ने कहा कि बद्दी में 16.35 करोड़ रूपये की लागत से 32 बीघा भूमि पर निरीक्षण एवं प्रमाणीकरण केन्द्र (आॅटोमैटिक व्हीकल टैस्टिंग केन्द्र) भी विकसित किया जाएगा। इस केन्द्र के निर्माण के लिए विभिन्न विषयों पर चर्चा तथा वस्तुस्थिति का जायजा लेने के लिए वह स्वंय वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चिन्हित स्थल का दौरा करेंगे।
बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव परिवहन जे.सी.शर्मा, हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम के प्रबन्ध निदेशक संदीप कुमार, परिवहन विभाग के निदेशक अनुपम कश्यप, अतिरिक्त आयुक्त घनश्याम चन्द तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।