शिमला : आयुष विभाग हिमाचल प्रदेश द्वारा आर्ट ऑफ लिविंग व योग भारती की सहभागिता से कोविड-19 रोगियों के लिए कल्याणकारी कार्यक्रम

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Shimla: Welfare program for Covid-19 patients by AYUSH Department Himachal Pradesh in partnership with Art of Living and Yog Bharti

आयुष विभाग हिमाचल प्रदेश द्वारा आर्ट ऑफ लिविंग व योग भारती की सहभागिता से कोविड-19 रोगियों के लिए आयुष के माध्यम से कल्याणकारी कार्यक्रम स्वास्थ्य परिवार, कल्याण व आयुष मंत्री डॉ. राजीव सहजल द्वारा संपूर्ण प्रदेश के लिए आरंभ किया गया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य कोविड-19 से संक्रमित रोगियों को आयुष पद्धतियों के समग्र स्वास्थ्य जीवन शैली दृष्टिकोण के माध्यम से शीघ्र स्वास्थ्य लाभ पहुंचाना है।

यह जानकारी निदेशक आयुष डी.के. रत्न ने आज यहां दी।आयुष विभाग के इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में रोगियों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए मंत्री स्वयं लाइव योग सत्रों में वर्चुअल माध्यम से जुड़कर संक्रमितों से संवाद स्थापित कर उनका कुशल क्षेम जान रहे हैं तथा उन्हें आयुष चिकित्सा पद्धति अपनाकर स्वास्थ्य जीवन शैली जीने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य परिवार कल्याण एवं आयुष मंत्री राजीव सहजल अपने इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम के माध्यम से कोविड-19 के विरुद्ध इस युद्ध में जुटे आयुष चिकित्सा प्रदाताओं का उत्साहवर्धन व मार्गदर्शन कर रहे हैं एवं आयुष चिकित्सा प्रदाताओं के साथ स्वयं कोविड संक्रमित के घर जाकर हाल-चाल जान रहे हैं तथा उनका हौंसला बढ़ा रहे हैं।

 मंत्री व्यक्तिगत तौर पर संक्रमित रोगियों के घर जाकर कोविड केयर किट का वितरण कर रहे हैं, जिसमें संक्रमितों को अन्य सामग्रियों के साथ-साथ आयुष काढ़ा, चवनप्राश तथा कबाशीर कुडिनीर आयुष दवा प्रदान की जा रही है। उन्होंने बताया की आयुष घरद्वार कार्यक्रम का दृष्टिकोण आयुष के सिद्धांतों के अनुरूप स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रिकवरी दर को बढ़ाना, रोगियों के जीवन स्तर में सुधार करना तथा अस्पताल में भर्ती की जरूरत दर को घटाना है।

इसके साथ-साथ कोविड-19 से मृत्यु दर को कम करना तथा संक्रमण दर को भी कम करना है तथा कोविड-19 के गंभीर दुष्प्रभावों को रोकने व शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर बीमारी से उभरने के बाद बेहतर पुनर्वास सुनिश्चित करना है। कोविड-19 महामारी के इस दौर में मानव सेवा में आयुष चिकित्सा पद्धति महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उन्होंने बताया कि अपने दृष्टिकोण के अनुरूप आयुष विभाग द्वारा अभी तक लगभग एक हजार वर्चुअल समूह बनाकर 20 हजार से ज्यादा कोविड-19 रोगियों को इस कार्यक्रम के माध्यम से सेवाएं प्रदान की है।

आयुष विभाग का यह महत्वकांक्षी तथा जन कल्याणकारी कार्यक्रम प्रदेश में पिछले कुछ समय से लगातार घट रही कोविड संक्रमण दर को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है।कार्यक्रम के अंतर्गत आयुष चिकित्सा अधिकारियों तथा आयुष स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा विभिन्न सोशल मीडिया में जिसमें व्हाट्सएप, जूम इत्यादि पर वर्चुअल समूह बनाए गए हैं तथा गृह एकांतवास, समर्पित कोविड केयर सेंटर, समर्पित कोविड स्वास्थ्य केंद्र आदि में रह रहे रोगियों को पूरे प्रदेश में इससे जोड़ा गया है।

आर्ट ऑफ लिविंग तथा योग भारती के लगभग 300 प्रशिक्षकों की सहायता से इन वर्चुअल समूहों में लाइव सेशन अथवा ऑडियो विजुअल उपकरणों के माध्यम से योग, प्राणायाम, स्वास्थ्य क्रियाओं व अभ्यास, ध्यान, योग व निद्रा आदि का अभ्यास रोगियों को करवाया जा रहा है। कार्यक्रम के तहत तनाव को कम करने, मन को शांत रखने तथा भय को कम करने के तरीके से रोगियों को अवगत करवाया जा रहा है।

रोगी कोविड संक्रमण के पश्चात क्या करें, क्या न करें इस संबंध में भी जानकारी प्रदान की जा रही है। आयुष चिकित्सकों तथा आयुष स्वास्थ्य प्रदाताओं द्वारा रोगियों के स्वास्थ्य की निरंतर देखभाल की जा रही है तथा आवश्यक होने पर शारीरिक या मानसिक स्वास्थ्य परामर्श भी प्रदान किया जा रहा है। इसके साथ-साथ आहार-विहार संबंधित दिशा-निर्देश भी रोगियों को दिए जा रहे हैं ताकि वे शीघ्र स्वास्थ्य लाभ पा सके।

आयुष सिद्धांतों के अनुरूप खुशहाल व समग्र स्वास्थ्य जीवन शैली अपनाकर सुखी स्वस्थ जीवन जीने व आयुष चिकित्सा पद्धति एवं घरेलू उपचारों को अपनाकर प्रकृति से जुड़े रहने के लिए लोगों को प्रेरित किया जा रहा है।उन्होंने बताया की कोविड संक्रमण से जूझ रहे रोगी भरपूर उत्साह के साथ इस कार्यक्रम के विभिन्न सत्रों में बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं तथा विभिन्न जानकारियों से लाभ अर्जित कर अपने रोग के प्रति सचेत हो कर स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए प्रेरित हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि कोविड के विरुद्ध इस लड़ाई में आयुष विभाग संपूर्ण तत्परता और निरंतरता के साथ मानव सेवा में जुड़ा रहेगा।

डी.के. रत्न ने बताया कि आयुर्वेद विभाग द्वारा कोरोना संक्रमण की पहली लहर से लेकर अभी तक विभिन्न स्तरों पर निरंतर कार्य किया जा रहा है। आयुर्वेद विभाग में तैनात चिकित्सक व अन्य कर्मचारी सक्रिय तौर पर अपनी सेवाएं समर्पित कोविड केयर केन्द्रों एवं कोविड केयर स्वास्थ्य केन्द्रों में प्रदान कर रहे हैं।

इसके अतिरिक्त आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा होम आईसोलेशन में रह रहे रोगियों का स्वास्थ्य परीक्षण तथा स्वास्थ्य स्थिति को जांचा जा रहा है। सैंपल लेने तथा एक्टिव केस फाईडिंग में आयुर्वेद चिकित्सक कार्य कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त गत वर्ष के दौरान विभिन्न बैरियर पर कोविड जांच के लिए आयुर्वेद विभाग का स्टाफ तैनात किया गया था वहीं काॅन्टैक्ट ट्रैसिंग टीम ने भी आयुर्वेद के अधिकारी व कर्मचारी अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।

आयुर्वेद विभाग द्वारा राजकीय राजीव गांधी स्नातकोत्तर आयुर्वेद महाविद्यालय पपरोला जिला कांगड़ा को समर्पित कोविड स्वास्थ्य केन्द्र बनाया गया है, जिसमें कोविड रोगियों के लिए 100 बिस्तरों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। इसके अतिरिक्त शिमला स्थित क्षेत्रीय आयुर्वेद अस्पताल को समर्पित कोविड स्वास्थ्य केन्द्र बनाया गया है, जिसमें 50 बिस्तरों की उपलब्धता है, जिसे शत-प्रतिशत रूप से आयुर्वेद विभाग के स्टाफ द्वारा संचालित किया जा रहा है। 

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