पहली बार राज्य में मंत्री बने हैं आलमगीर आलम व रामेश्वर, भोक्ता रह चुके हैं मंत्री रांची : यूपीए गठबंधन के नेता हेमंत सोरेन रविवार को दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने. श्री सोरेन ने मोरहाबादी मैदान में आयोजित भव्य समारोह में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने श्री सोरेन को पद व गोपनीयता की शपथ दिलायी. श्री सोरेन के साथ कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव और राजद विधायक सत्यानंद भोक्ता ने भी मंत्री पद की शपथ ली. कांग्रेस नेता आलमगीर आलम और पूर्व आइपीएएस अधिकारी रामेश्वर उरांव पहली बार राज्य सरकार में मंत्री बने हैं. श्री आलम विधानसभा के स्पीकर रह चुके हैं. पहली बार यूपीए गठबंधन के पूर्ण बहुमत की सरकार को सत्तासीन होते देखने के लिए भारी भीड़ मोरहाबादी पहुंची थी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पिता व झामुमो सुप्रीमो शिबू साेरेन और मां रूपी सोरेन की उपस्थिति से झामुमो खेमा उत्साहित था. समर्थक ढोल-ढाक व पारंपरिक झारखंडी नृत्य कर रहे थे. मुख्य मंच के सामने झारखंडी संस्कृति से जुड़ी पेंटिंग बनायीं गयी थीं. शपथ ग्रहण के साथ ही छाया उत्साह, समर्थकों ने फोड़े पटाखे मुख्य सचिव डीके तिवारी ने जैसे ही हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त करने के राज्यपाल के आदेश को पढ़ा, तभी समर्थक नारे लगाने लगे. हेमंत सोरेन ने दोपहर करीब 2:19 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इसके बाद मोरहाबादी में पटाखे फूटने लगे. समर्थक झारखंडी गाने पर झूम रहे थे. राजभवन में सीएम एट होम में शामिल गणमान्य : नयी सरकार के गठन के सम्मान में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने राजभवन में हाई टी आयोजित की. राजभवन की ओर से आयोजित सीएम एट होम कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री सोरेन के साथ बाहर से आये यूपीए के नेता शामिल हुए. खुद गाड़ी ड्राइव कर पिता शिबू से आशीर्वाद लेने पहुंचे हेमंत सोरेन शपथ ग्रहण समारोह से पूर्व हेमंत सोरेन दोपहर 1:10 बजे अपने कांके रोड स्थित आवास से निकले. वे खुद कार ड्राइव कर पिता शिबू सोरेन के आवास पहुंचे. उनके साथ उनकी पत्नी कल्पना सोरेन भी थीं. पिता शिबू और मां रूपी सोरेन से आशीर्वाद लिया. इसके बाद मोरहाबादी पहुंचे. उनके साथ शिबू सोरेन और रूपी सोरेन भी निकले. महात्मा गांधी, सिदो-कान्हू व बिरसा मुंडा को दी श्रद्धांजलि शपथ ग्रहण के बाद मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने महात्मा गांधी, सिदो-कान्हू और बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. श्री सोरेन झारखंड के नायकों व शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद कैबिनेट की बैठक के लिए सचिवालय पहुंचे. मौके पर श्री सोरेन बच्चों से मिले, उनकी कुशलता जानी. शपथ ग्रहण समारोह के साक्षी बने देश के जाने-माने राजनेता हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा नेता रघुवर दास, डीएमके के अध्यक्ष एमके स्टालिन व कनिमोझी असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, बिहार के प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल, मध्य प्रदेश के मंत्री उमंंग सिघार, कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह, झाविमो नेता बाबूलाल मरांडी, पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, भाकपा के महासचिव नेता डी राजा, आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह, अतुल कुमार अंजान सहित देश भर से कई दिग्गज नेता पहुंचे. हेमंत कैबिनेट के मंत्रीसंयुक्त बिहार के उद्योग मंत्री व कोड़ा सरकार में स्पीकर रह चुके हैं आलम आलमगीर आलम साहेबगंज के इस्लामपुर गांव के रहने वाले है. उन्होंने बड़हरवा से 10वीं और भागलपुर विश्वविद्यालय से बीएससी की पढ़ाई की है. वर्ष 2000 में वह पाकुंड से पहली बार चुनाव जीते थे. उनको अविभाजित बिहार का उद्योग मंत्री बनाया गया. हालांकि, वह बहुत कम दिन ही मंत्री रह सके थे. नवंबर 2000 में झारखंड अलग राज्य बन गया और झारखंड में भाजपा की सरकार बन गयी. 2005 में वह फिर से चुनाव जीते. 2007 में निर्दलीय मधु कोड़ा की सरकार के समय झारखंड विधानसभा के स्पीकर बने. हालांकि, आलम 2009 का चुनाव हार गये. 2014 में वह फिर जीते. सदन में कांग्रेस विधायक दल के नेता और ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सदस्य रहे. अब एक बार फिर से भी आलम चुनाव जीत कर मंत्री बनाये गये हैं. आइपीएस अधिकारी से राजनेता बने डॉ रामेश्वर उरांव केंद्र में भी मंत्री थे डॉ रामेश्वर उरांव पलामू के िचयांकी गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने ब्राह्मण विद्यालय डालटेनगंज से 10वीं की पढ़ाई की है. वह 1972 बैच के आइपीएस अफसर थे. उन्होंने 2004 में वीआरएस लेकर चुनाव लड़ा. लोहरदगा से सांसद बने. केंद्र सरकार में आदिवासी मामलों के राज्यमंत्री बनाये गये. लेकिन, वह 2009 में चुनाव हार गये. अक्तूबर 2010 में अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष बनाये गये. अक्तूबर 2016 तक वह इस पद पर रहे. सितंबर 2019 में श्री उरांव को कांग्रेस पार्टी का झारखंड अध्यक्ष बनाया गया. कुछ महीनों बाद ही उन्होंने पहली बार लोहरदगा से विधायक का चुनाव लड़ा और जीत गये. अब उनको हेमंत सरकार में मंत्री बनाया गया है. तीसरी बार मंत्री बने हैं भोक्ता, पहली बार पेयजल फिर कृषि मंत्री बने थे हेमंत सरकार में मंत्री बने चतरा से राजद विधायक सत्यानंद भोक्ता मूल रूप से चतरा के सदर प्रखंड क्षेत्र के कारी गांव के रहनेवाले हैं. वह झारखंड में तीसरी बार मंत्री बने हैं. सबसे पहले वह वर्ष 2000 में जीत कर विधानसभा में आये थे. विधायक सत्यानंद भोक्ता ने चतरा में ही पढ़ाई की. वहां से मैट्रिक व इंटर की परीक्षा पास की.पहली बार वर्ष 2000 में चतरा से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ कर जीते थे. बाबूलाल मरांडी की सरकार के बाद अर्जुन मुंडा की सरकार बनी, तो पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री बनाये गये. दूसरी बार वर्ष 2005 में चुनाव जीते और कृषि मंत्री बने. इसी साल वह राजद में शामिल हुए और विधायक बने. रांची : पूरी होगी लोगों की आकांक्षा : कांग्रेस रांची : प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक दुबे ने गठबंधन की सरकार को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व में गठित सरकार आशाओं, अपेक्षाओं एवं आकांक्षाओं को पूरा करेगी. 19 वर्षों के इतिहास में राज्य की जनता ने पहली बार गठबंधन की सरकार को पूर्ण बहुमत एवं प्रचंड जनादेश दिया है, ताकि जनता की खुशहाली के लिए काम कर सके. उन्होंने कहा कि देश के कई बड़े नेता ने मंच में उपस्थित होकर एक जिम्मेवार सरकार का विश्वास प्रदर्शित किया, तो दूसरी तरफ झारखंड का मान-सम्मान भी बढ़ाने का काम किया है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने मुख्यमंत्री सहित रामेश्वर उरांव, आलमगीर आलम, सत्यानंद भोक्ता को भी बधाई दी है.