डेस्क : भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में हुए अहम निर्णयों पर जानकारी देते हुए हिमाचल में हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने की बात कहते हुए इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का आभार जताया है।
नड्डा ने कहा” हिमाचल प्रदेश के सिरमौर ज़िले के हाटी समुदाय द्वारा उन्हें अनुसूचित जनजाति में सम्मिलित करने की वर्षों पुरानी माँग थी। 1967 में ही उत्तराखंड के जौनसार बावर क्षेत्र को अनुसूचित जनजाति क्षेत्र घोषित कर दिया गया था लेकिन उससे सटे हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के लोगों को इसका लाभ नहीं मिला। आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रीमंडल ने आज कैबिनेट बैठक में कई अन्य निर्णयों के अलावा हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दे दिया है। इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए मैं आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी व केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा जी का आभार प्रकट करता हूँ”
इससे पता चलता है की प्रधानमंत्री मोदी का हिमाचल से विशेष लगाव है।
नरेंद्र मोदी ने हिमाचल को बल्क ड्रग पार्क, एम्स जैसे बड़े तोफे दिए है।
नड्डा ने कहा “प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने “संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (तीसरा संशोधन) विधेयक 2022” नामक एक विधेयक को संविधान में कुछ संशोधन (अनुसूचित जनजाति आदेश, 1950) करने के लिए संसद में पेश किए जाने की मंजूरी दी है, ताकि हिमाचल प्रदेश की अनुसूचित जनजाति (एसटी) की सूची को संशोधित किया जा सके। अगर उत्तराखंड के जौनसार और हिमाचल के सिरमौर के सटे क्षेत्रों को देखें तो दोनों की बोली, पहनावा, परंपराएं, रहन-सहन, खान-पान, रीति-रिवाज एक जैसा है। टौंस नदी के उस पार जौनसार समुदाय को एसटी का दर्जा है और इस पार हाटी समुदाय जनजातीय दर्जे के लिए लगभग 50 वर्षों से संघर्ष कर रहे थे जिसे आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी जी ने पूरी संवेदनशीलता से उनकी जायज़ माँग को पूरा करने का पुनीत कार्य किया है। विधेयक के अधिनियम बनने के बाद, हिमाचल प्रदेश की अनुसूचित जनजाति की संशोधित सूची के नए सूचीबद्ध समुदायों के सदस्य भी सरकार की मौजूदा योजनाओं के तहत अनुसूचित जनजातियों का लाभ प्राप्त करने में सक्षम होंगे। इस तरह की कुछ प्रमुख योजनाओं में मैट्रिक के बाद छात्रवृत्ति, राष्ट्रीय प्रवासी छात्रवृत्ति, राष्ट्रीय फैलोशिप, उच्च श्रेणी की शिक्षा, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त और विकास निगम से रियायती ऋण, अनुसूचित जनजाति के लड़कों और लड़कियों के लिए छात्रावास आदि शामिल हैं। इसके अलावा, सरकारी नीति के अनुसार सेवाओं में आरक्षण और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के लाभ के हकदार होंगे”