एनसीपी के एक वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने कृषि और उद्योग या परिवहन मंत्रालय की मांग की है। कांग्रेस ने शुरुआत में शहरी विकास, कृषि और परिवहन मंत्रालय पर अपना दावा ठोका था। अब शहरी विकास का दावा उसने छोड़ दिया लेकिन परिवहन और उद्योग पर अभी भी मांग कर रही है।
हाइलाइट्स
- अजित पवार ने गुरुवार को मंत्रालय के बंटवारे की बात कही थी लेकिन कांग्रेस की मांगों के चलते ऐसा मुमकिन नहीं हो पाया
- एनसीपी के एक वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री ने बताया कि कांग्रेस ने कृषि के साथ उद्योग या परिवहन मंत्रालय में से एक की मांग रखी है
- कांग्रेस ने पहले शहरी विकास, कृषि और परिवहन मंत्रालय पर अपना दावा ठोका था, फिर शहरी विकास का दावा उसने छोड़ दिया
महाराष्ट्र में मंत्रालयों के बंटवारे पर मचा घमासान थमता नहीं दिख रहा है। एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने गुरुवार को मंत्रालयों के बंटवारे की बात कही थी लेकिन कांग्रेस की नई मांगों के चलते ऐसा मुमकिन नहीं हो पाया। एनसीपी के एक वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री ने बताया कि कांग्रेस ने कृषि और उद्योग या परिवहन मंत्रालय की मांग रखी है। कांग्रेस ने शुरुआत में शहरी विकास, कृषि और परिवहन मंत्रालय पर अपना दावा ठोका था। शहरी विकास का दावा उसने छोड़ दिया लेकिन परिवहन और उद्योग पर अभी भी अड़ी हुई एक मंत्री ने कहा कि पोर्टफोलियो के बंटवारे में देरी की वजह से सीएम उद्धव ठाकरे को शर्मिंदगी उठानी पड़ रही है। मंत्री ने कहा, ‘इससे महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार की विश्वसनीयता प्रभावित हो रही है। पहले मुख्यमंत्री के शपथग्रहण में देरी की वजह से, उसके बाद कैबिनेट विस्तार और अब सरकार में किसी को नहीं पता कि पोर्टफोलियो का बंटवारा कब होगा।’
मंत्रियों को विभाग तो मिला नहीं लेकिन बंगला मिल गया
एनसीपी सदस्य ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह लग रहा है कि कांग्रेस ही इस देरी के लिए जिम्मेदार है। उन्होंने कहा, ‘शुरुआत में पोर्टफोलियो के बंटवारे को लेकर कांग्रेस में अंदरूनी झगड़ा था। पूर्व सीएम अशोक चव्हाण और बालासाहेब थोराट दोनों ने राजस्व विभाग के लिए दावा किया था लेकिन नितिन राउत ने लोक निर्माण विभाग को लेकर दावा किया था। चव्हाण को लगा कि उन्हें राजस्व नहीं मिलेगा इसलिए उन्होंने भी पीडब्ल्यूडी विभाग के लिए पूछा।’
मंत्रियों को विभाग तो मिला नहीं लेकिन बंगला मिल गया
एनसीपी सदस्य ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह लग रहा है कि कांग्रेस ही इस देरी के लिए जिम्मेदार है। उन्होंने कहा, ‘शुरुआत में पोर्टफोलियो के बंटवारे को लेकर कांग्रेस में अंदरूनी झगड़ा था। पूर्व सीएम अशोक चव्हाण और बालासाहेब थोराट दोनों ने राजस्व विभाग के लिए दावा किया था लेकिन नितिन राउत ने लोक निर्माण विभाग को लेकर दावा किया था। चव्हाण को लगा कि उन्हें राजस्व नहीं मिलेगा इसलिए उन्होंने भी पीडब्ल्यूडी विभाग के लिए पूछा।’