शिमला में भी स्थानीय लोगों को पानी के लिए काफी जूझना पड़ रहा है। जमकर हो रही ठंड से यहां भी वाटर पाइप लाइन्स जम गई हैं। अत्यधिक ठंड के बीच बिजली कट जाने के बाद स्थानीय निवासियों के लिए चीजें और ज्यादा बद्तर हो गई हैं। मनाली के कुछ इलाकों में बीते तीन दिनों से बिजली नहीं है।
हाइलाइट्स
- हिमाचल प्रदेश के मनाली और शिमला बर्फ से ढका, ना पीने के लिए पानी मिल रहा है और ना ही खाना बनाने के लिए
- -7.8 डिग्री सेल्सियस तक चला गया मनाली का तापमान, जम गईं वाटर सप्लाइ की पाइपलाइन
- शिमला में भी पानी और बिजली के लिए जूझ रहे लोग, होटल और घरों में डीजल जनरेटर के सहारे चलाया जा रहा काम
मनाली
हिमाचल प्रदेश के मनाली में कई सड़कें अभी भी ब्लॉक हैं, मंगलवार और बुधवार को हुई भारी बर्फबारी के बाद कई इलाकों में बिजली की आपूर्ति को बहाल किया जाना बाकी है। लगातार बढ़ रही ठंड से स्थानीय लोगों की परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है। मनाली में बीते दिनों न्यूनतम तापमान -7.8 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया, यह इस सीजन का सबसे कम तापमान रहा। इसकी वजह से होटल और घरों में पीने, खाना बनाने या नहाने के लिए भी पानी नहीं उपलब्ध हो पा रहा है, क्योंकि सभी नल और पानी की आपूर्ति की पाइपें जमी हुई हैं। शिमला में भी स्थानीय लोगों को पानी के लिए काफी जूझना पड़ रहा है। जमकर हो रही ठंड से यहां भी वाटर पाइप लाइन्स जम गई हैं।
बिजली कटने से बद्तर हुए हालात
अत्यधिक ठंड के बीच बिजली कट जाने के बाद स्थानीय निवासियों के लिए चीजें और ज्यादा बद्तर हो गई हैं। मनाली के कुछ इलाकों में बीते तीन दिनों से बिजली नहीं है। यहां तक कि रोहतांग सुरंग परियोजना भी डीजल से चलने वाले जनरेटर से चल रही है। शिमला में भी भारी बर्फबारी से चार डिस्ट्रिब्यूशन ट्रांसफार्मर बाधित हुए हैं।
बर्फ जमी सड़क पर यात्रा लगभग असंभव
बर्फ जमी सड़कों पर यात्रा लगभग असंभव हो गई है। शिमला में बुधवार को अधिकांश समय तक बस सेवा प्रभावित रही। शिमला के एक सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि स्थिति इतनी खराब है कि उन्हें शहर और कस्बों में दूध और ब्रेड तक नहीं पहुंच पा रही है।
बर्फ में फंसे पर्यटक, लाहौल-किन्नौर से संपर्क टूटा
हिमाचल के शिमला, कुल्लू, चंबा, मंडी के कई इलाकों के अलावा लाहौल और किन्नौर जिले दो दिनों से देश-दुनिया से कटे हुए हैं। गुरुवार दोपहर तक प्रदेश में पांच नेशनल हाईवे समेत 1034 सड़कें बंद रहीं। पिछले कई दिनों से अपर शिमला का राज्य मुख्यालय से संपर्क कटा हुआ है। शिमला-रामपुर-रिकांगपिओ नैशनल हाईवे को भी अब तक बहाल नहीं किया जा सका है। कई जगहों पर सड़क पर बर्फ जमे होने की वजह से पर्यटक भी फंसे हुए हैं।
बर्फबारी का लुत्फ उठाने के लिए शिमला जा रहे पर्यटकों के लिए यह सफर दुस्वप्न साबित हो रहा है। शिमला के रास्ते में भारी बर्फबारी के कारण कई पर्यटक जहां-तहां फंस गए। पत्नी भव्या के साथ शिमला के नजदीक चैल हिल स्टेशन घूमने पहुंचे अभिषेक सुमन बताते हैं कि सड़कों पर बर्फ जमा होने की वजह से कार ड्राइव करने में उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
यूपी के गाजियाबाद निवासी अभिषेक आगे बताते हैं, ‘बर्फ की वजह से सड़कों की हालत काफी खराब हो चुकी है। मैंने पहले से होटल बुक कर रखा था, लेकिन वहां पहुंचना संभव नहीं पाया। इमर्जेंसी में हमें दूसरा होटल बुक करना पड़ा।’ अभिषेक ने शुक्रवार को नारकंडा जाना था, लेकिन बर्फबारी और ज्यादा ठंड की वजह से उन्होंने आगे की यात्रा स्थगित कर दी।
12 जनवरी के लिए ‘ऑरेंज’ चेतावनी
शिमला में मौसम विज्ञान विभाग केन्द्र के निदेशक मनमोहन सिंह ने कहा था कि गुरुवार और शुक्रवार को अधिकतर मौसम शुष्क रहेगा। विभाग के अधिकारी ने बताया कि सड़क से बर्फ हटाने का काम जारी है। बुधवार को हुई भीषण बर्फबारी के कारण 879 सड़कें जाम हैं। मौसम विज्ञान विभाग ने 11 से 14 जनवरी के बीच मूसलाधार बारिश, मध्य और ऊंची पहाड़ियों में बर्फबारी का पूर्वानुमान लगाया। हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में बर्फबारी के एक दिन बाद गुरुवार सुबह धूप निकली लेकिन मौसम विज्ञान विभाग ने 12 जनवरी के लिए ताजा ‘ऑरेंज’ चेतावनी जारी की है, जिसमें भारी बारिश और बर्फबारी होने की संभावना है।