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सफदरजंग अस्पताल के आपातकालीन विभाग में भर्ती पांच वर्षीय बच्ची की मौत होने के बाद उसकी मां ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं। अंबेडकर नगर निवासी महिला ने राजधानी के मदन मोहन मालवीय और सफदरजंग अस्पताल पर उपचार में देरी के आरोप लगाए हैं।
ये भी आरोप है कि अस्पताल में डॉक्टर मरकज से जोड़कर उनके परिवार को देख रहे थे। उन्हें लग रहा था कि कहीं बच्ची कोरोना मरीज तो नहीं है। इसलिए हर कोई भर्ती करने से इंकार करता रहा। इस बाबत पीड़िता ने एडीएम अरुण गुप्ता को शिकायत दी है।
नेब सराय थाना स्थित राजू पार्क निवासी मां गुलशाना ने बताया कि 15 दिन से उनकी बच्ची अलीना बीमार है। पहले वह मदन मोहन मालवीय अस्पताल में काफी मुश्किलों से भर्ती की गई लेकिन फिर उसे सफदरजंग अस्पताल रेफर कर दिया। यहां बच्ची को लाडो सराय टीबी अस्पताल रेफर दिया। वहां पहुंचने पर डॉक्टरों ने कलावती अस्पताल भेज दिया।
बिस्तर खाली न होने के कारण ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर ने एम्स जाने के लिए कहा। लाचार मां अपनी बेटी के दर्द से तड़प रही थी। जब एम्स के आपातकालीन विभाग पहुंची तो वहां से फिर उन्हें सफदरजंग अस्पताल रेफर कर दिया। काफी अपील करने के बाद सफदरजंग अस्पताल में बच्ची को भर्ती कर लिया लेकिन अगले ही दिन शुक्रवार को उसकी मौत हो गई।
इस मामले में शिकायत मिलने के बाद जांच शुरू कर दी है। किसी भी व्यक्ति को जाति या धर्म के आधार पर इलाज नहीं दिया जाता है। हालांकि जांच के बाद आगे की जानकारी पता चलेगी।