निवाड़ी। मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले के ग्राम पंचायत वीरसागर में करीब 10 साल पहले प्रसिद्ध बिहारी जू महाराज मंदिर से मूर्तियों की चोरी मामले में बुधवार को स्वयं भगवान कोर्ट में पेश हुए। वारदात के बाद चोरों के मूर्तियों के साथ पकड़े जाने के इस मामले में भगवान को साक्ष्य के रूप में पेश होना था। भक्तों के साथ जब भगवान कोर्ट रूम में पहुंचे तो जज ने पहले उन्हें नमन किया बाद में सत्यापन कर मूर्तियों को मंदिर में स्थापित करने का आदेश दिया।
जानकारी के अनुसार थाना सिमरा में राधाकृष्ण का प्राचीन मंदिर है। 14 जनवरी 2009 में बिहारी जू मंदिर की मूर्तियां चोरी हुई थीं, जिसकी रिपोर्ट पुलिस थाने में दर्ज की थी। चार आरोपितों के विरुद्ध मामला भी पंजीकृत किया गया। पुलिस ने मामले का पर्दाफाश किया और मूर्तियों की बरामदगी भी की गई, जो मंदिर के पुजारी के सुपुर्द कर दी गई थीं। आगे की कार्यवाही के लिए प्रकरण न्यायालय निवाड़ी में पेश किया गया। न्यायालय ने भगवान को अदालत में बुला लिया। आदेशानुसार न्यायालय में पहुंचने से पहले मंदिर पर पूजा पाठ कर भगवान की आरती की गई। इसके बाद बिहारी जू महाराज को ग्राम वीरसागर होते हुए लाया गया। इनके साथ काफी संख्या में ग्रामीणजन साथ आए। कोर्ट में न्यायाधीश ने पहले भगवान बिहारी जू को नमन किया और बारीकी से जानकारी ली और अदालती कार्रवाई के बाद पुन: बिहारी जू भगवान वीरसागर पहुंचे।
इस मामले में शासकीय अभियोजक अधिकारी विकास गर्ग ने बताया कि चोरी गई मूर्तियां बरामद हुई थीं, इसलिए न्यायालय में साक्ष्य के रूप में पहुंचना था। न्यायाधीश ने भगवान की मूर्तियों का सत्यापन कर उनको यथास्थान रखने का आदेश दे दिया।
वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्हें इस बात की नाराजगी है कि मूर्तियां देखने के लिए जज खुद क्यों नहीं मंदिर पहुंचे। एक स्थानीय महिला ने कहा, ‘भगवान की मूर्तियां कोर्ट में ले जाने की वजह से हम नाखुश हैं। अदालत को इस मामले को सुलझाने के लिए कोई और रास्ता निकालना चाहिए था। चोरों को कोर्ट से सजा मिलनी चाहिए।’