उपायुक्त जतिन लाल ने ऊना जिले में बाल मजदूरी की रोकथाम के उद्देश्य से बुधवार को जिले के विभिन्न ढाबों और अहातों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने विभागीय अधिकारियों की टीम के साथ चाइल्ड लेबर के मामले पहचानने के लिए ऊना, जलग्रां, बहडाला, देहलां और मैहतपुर में ढाबों और अहातों का औचक निरीक्षण किया। उनके साथ जिला बाल संरक्षण अधिकारी कमलदीप, जिला श्रम अधिकारी रणवीर सिंह, चाइल्ड हेल्पलाइन के कुलवीर सिंह तथा वरदान मौजूद रहे। https://tatkalsamachar.com/shimla-news-17/
निरीक्षण के दौरान पाँच किशोरों की उम्र संदिग्ध दायरे में पाई गई। इन किशोरों से संबंधित दस्तावेज़ जैसे आधार कार्ड और अन्य प्रमाणपत्रों की मांग की गई है, ताकि उनकी सही उम्र का पता लगाया जा सके। यदि उनकी उम्र 18 वर्ष से कम पाई जाती है, तो संबंधित प्रतिष्ठान मालिकों को नोटिस जारी किया जाएगा और नियमों के तहत आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, बच्चों को तत्काल रेस्क्यू कर उनके माता-पिता या बाल केयर सेंटर में सुरक्षित रखा जाएगा।
नाबालिगों से काम कराने पर प्रतिष्ठानों पर होगी सख्त कार्रवाई
इस अवसर पर उपायुक्त ने कहा कि बाल मजदूरी एक गंभीर सामाजिक और कानूनी अपराध है, और इसे रोकने के लिए प्रशासन द्वारा सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने सभी प्रतिष्ठानों और व्यवसायिक संस्थानों से अपील की कि वे अपने यहां कार्यरत कर्मचारियों की उम्र का सत्यापन करें और किसी भी हाल में नाबालिग बच्चों को काम पर न रखें। उपायुक्त ने कहा कि यदि किसी प्रतिष्ठान में नाबालिगों को काम करते हुए पाया गया, तो उस प्रतिष्ठान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।https://youtu.be/Yd8rKgjE95w?si=uv5lIyHmJuN8N0iw
बाल मजदूरी से संबंधित कोई मामला दिखे तो तुरंत 1098 पर करें कॉल
जतिन लाल ने ऊना जिले के सभी नागरिकों से भी अपील की है कि यदि उन्हें कहीं भी बाल मजदूरी से संबंधित कोई मामला दिखे, तो वे तुरंत इसकी जानकारी चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 या जिला प्रशासन को दें। उन्होंने कहा कि हम सभी की ज़िम्मेदारी है कि बच्चों का बचपन सुरक्षित रहे और उन्हें शिक्षा और स्वच्छंदता के साथ जीवन जीने का अवसर मिले। किसी भी प्रकार का शोषण बच्चों के भविष्य पर गहरा प्रभाव डालता है, जिसे रोकने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हैं।