दुनियाभर में कोरोना वायरस का प्रकोप जारी है। कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की टीम चीन जाकर कोरोना वायरस की उत्पत्ति की जांच करेगी। चीन की सरकार ने इसके लिए बुधवार को मंजूरी दे दी। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने बताया कि चीनी सरकार की सहमती के बाद डब्ल्यूएचओ बीजिंग में विशेषज्ञों की एक टीम भेजेगा, जो कोरोना वायरस की उत्पत्ति की जांच करेगी।

चीन ने कोरोना वायरस के प्रकोप के बारे में जानकारी देने में देरी की थी। जिसके चलते कोरोना के मामले देखते ही देखते दो महीने में दुनियाभर में फैल गए। डब्ल्यूएचओ की एक टीम सभवतः अगले सप्ताह चीन जाकर कोरोना की उत्पत्ति और उसके फैलने की जांच करेगी।
चीन में डब्ल्यूएचओ के कार्यालय द्वारा ‘वायरल निमोनिया’ के मामलों पर वुहान नगर स्वास्थ्य आयोग का बयान लेने के बाद यह जांच छह महीने से अधिक समय तक चलेगी। डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक डॉ सौम्या स्वामीनाथन ने कहा है कि वायरस की उत्पत्ति में ‘गहन जांच’ की आवश्यकता है।
डॉ स्वामीनाथन ने कहा कि चीनी सरकार ने 31 दिसंबर को वुहान से निमोनिया के मामलों के प्रकोप की सूचना दी थी। उन्होंने कहा है कि अनुक्रम बताते हैं कि कोविड-19 पैदा करने वाला वायरस बहुत हद तक बैट वायरस के समान है। हम इस अर्थ में उससे अधिक नहीं जानते हैं कि यह कहां और कैसे उत्पन्न हुआ है।

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