अभी टला नहीं है टिड्डियों का खतरा, भारत-पाक सीमा के दोनों ओर जारी है इनका प्रजनन…

0
7

नई दिल्ली. सरकार के तमाम प्रयासों के बाद भी टिड्डियों का खतरा अभी तक टला नहीं है. खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) के नए अपडेट के अनुसार, रेगिस्तानी टिड्डी झुंड पूर्वी अफ्रीका के कई देशों एवं यमन और भारत-पाक सीमा (Indo-Pak border.) के दोनों ओर निरंतर बने रहते हैं. ग्रीष्मकालीन टिड्डियों का प्रजनन अभी जारी है. इसके नियंत्रण को लेकर दक्षिण-पश्चिम एशियाई देशों (अफगानिस्तान, भारत, ईरान और पाकिस्तान) की रेगिस्तान टिड्डी (Desert locust) पर एफएओ द्वारा 20 वर्चुअल बैठकें अब तक आयोजित की गई हैं.

केंद्रीय कृषि मंत्रालय के मुताबिक, 11 अप्रैल से 8 अगस्‍त 2020 तक 10 राज्यों में 5.22 लाख हेक्टेयर से भी अधिक क्षेत्र में टिड्डी नियंत्रण अभियान चलाया गया. यह अभियान राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh), हरियाणा, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और बिहार में चलाया गया. गुजरात (Gujarat), उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, बिहार और हरियाणा में कोई खास फसल नुकसान नहीं हुआ है, जबकि राजस्थान केकुछ जिलों में मामूली फसल नुकसान होने की सूचना है.

टिड्डी नियंत्रण अभियान दो दिन पहले रात के समय एलसीओ (locust control organisation) द्वारा राजस्थान के 7 जिलों-बाड़मेर, जोधपुर, बीकानेर, चूरू, नागौर, हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर में 46 स्थानों पर चलाया गया. इसी तरह गुजरात के कच्छ जिले में 01 स्थान पर एलसीओ द्वारा पतिंगा (हॉपर) और कुछ इधर-उधर बिखरे हुए वयस्कों के खिलाफ नियंत्रण अभियान चलाया गया.

कृषि मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक वर्तमान में छिड़काव वाहनों के साथ 104 नियंत्रण दल राजस्थान एवं गुजरात में तैनात किए गए हैं. केंद्र सरकार के 200 से अधिक कर्मचारी नियंत्रण कार्यों में लगे हुए हैं. इसके अलावा, राजस्थान में बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर, नागौर और फलोदी में 15 ड्रोन को कीटनाशकों के छिड़काव के माध्यम से ऊंचे पेड़ों एवं दुर्गम क्षेत्रों पर नियंत्रण के लिए तैनात किया गया है. हवाई छिड़काव के लिए भारतीय वायु सेना भी Mi-17 हेलीकाप्टर का उपयोग करके परीक्षण कर रही है.

Share this News

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here