भारत और चीन के बीच लद्दाख सीमा पर जारी तनाव अभी खत्म नहीं हुआ है. दोनों देशों की सेनाएं बॉर्डर पर तैनात हैं और एक-दूसरे के सामने हैं. इस बीच आज एक लंबे वक्त के बाद दोनों देशों के सैन्य अधिकारी बातचीत की टेबल पर होंगे. 12 अक्टूबर को भारत और चीन के बीच बातचीत का सातवां राउंड शुरू होगा, जिसमें सैनिकों को पीछे हटाने पर मंथन हो सकता है.
सोमवार दोपहर 12 बजे के करीब ईस्टर्न इलाके के चुशूल इलाके में दोनों सेनाओं के बीच ये बातचीत होगी. मई में शुरू हुए तनाव के बाद जून में जाकर ये बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ था, इस बीच कई बार सैनिकों को पीछे हटाने पर मंथन हुआ लेकिन चीन हर बार अपनी बात से पीछे हट गया.
भारत और चीन के बीच आज होने वाली बातचीत इसलिए भी खास है क्योंकि भारत की ओर से बात करने वाले लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह की अगुवाई में ये आखिरी चर्चा होगी. इस बैठक में विदेश मंत्रालय के ज्वाइंट सेक्रेटरी (ईस्ट एशिया) नवीन श्रीवास्तव भी शामिल होंगे. साथ ही चीन की ओर से भी सैन्य अधिकारी के अलावा विदेश मंत्रालय के अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं.
इसके बाद लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन के हाथ में ये जिम्मेदारी आ जाएगी. अभी तक की हुई सारी बात लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने ही की थी.
इस बातचीत में भारत की ओर से मुद्दा रखा गया है कि पूरे ईस्टर्न लद्दाख के इलाके को लेकर बात होनी चाहिए. जहां चीन की सेना के जवान तैनात हैं और इन्हें पीछे हटाया जाना चाहिए. लेकिन चीन की ओर से सिर्फ पैंगोंग लेक को लेकर बात करने की बात कही जा रही है.
भारत की ओर से एक बार फिर सख्ती से अपनी बातों को उठाया जाएगा, साथ ही पांच महीने पहले की स्थिति वापस लाने की बात कही जाएगी.
गौरतलब है कि ईस्टर्न लद्दाख के आसपास करीब पचास हजार से अधिक सैनिक तैनात हैं. अप्रैल-मई के बाद लगातार यहां सैनिकों की संख्या बढ़ती गई है. दोनों के बीच पहले भी सैनिक पीछे हटाने की बात हुई है लेकिन अबतक उसपर अमल नहीं हो सका है.