दो नवंबर से प्रदेश में नौवीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए शुरू होने वाली नियमित कक्षाओं के दौरान प्रार्थना सभाएं नहीं होंगी।स्कूल स्तर पर बनाए गए माइक्रो प्लान के आधार पर नियमित कक्षाएं लगाई जाएंगी। अधिक विद्यार्थियों की संख्या वाले स्कूलों में सुबह-शाम की शिफ्ट में भी शिक्षक कक्षाएं लगा सकेंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में बस सुविधा बढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग जल्द ही परिवहन निगम के साथ चर्चा करेगा।
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने बताया कि जो विद्यार्थी स्वेच्छा से स्कूल आना चाहता है, वह आ सकेगा। स्कूल खुलने पर हाजिरी पर जोर नहीं रहेगा।अभिभावकों के सहमति पत्र पर ही स्कूलों में प्रवेश दिया जाएगा। स्कूलों में शिक्षक 100 फीसदी आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हर स्कूल अपने माइक्रो प्लान के तहत कक्षाओं को लगाएगा। शिक्षा विभाग की ओर से भी एसओपी जारी होंगे। इस दौरान घर पर रहने वाले विद्यार्थियों की पढ़ाई पहले की तरह ऑनलाइन ही जारी रहेगी।
माइक्रो प्लान शिक्षकों को अभिभावकों के साथ मिलकर बनाए गए हैं। स्कूलों में विद्यार्थियों के बीच पर्याप्त शारीरिक दूरी रखनी होगी। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षण संस्थान खुलने पर बसों की संख्या को बढ़ाने के लिए परिवहन निगम से बात की जाएगी। शिक्षा मंत्री ने बताया कि 75 फीसदी अभिभावक स्कूल खोलने के पक्ष में हैं। लाखों अभिभावकों के साथ ई-पीटीएम कर इस बाबत सुझाव लिए हैं। पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, चंडीगढ़ में शुरू की गई व्यवस्था को भी स्टडी किया गया है।