हिमाचल की एक जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा कैदी 10वीं-12वीं के विद्यार्थियों की ऑनलाइन क्लास ले रहा है। यह ऐसे समय में हुआ है जब कोरोना काल में बड़े-बड़ों के रोजगार छूट गए और वे घर बैठ गए हैं। राजधानी शिमला की जेल में बंद कैदी ने राष्ट्रीय स्तर के तकनीकी संस्थान से पढ़ाई की है। वर्ष 2010 में प्रेमिका के साथ आत्महत्या की कोशिश के दौरान प्रेमिका की मौत और इसके बच जाने ने इसके जीवन को बदल दिया। हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा हुई और जेल में दिन काटने लगा। इस बीच डीजी जेल सोमेश गोयल ने हर हाथ को काम अभियान शुरू कर हुनरमंद कैदियों को काम दिलाने की कवायद शुरू की। तकनीकी शिक्षा हासिल किए इस कैदी से शुरुआती दौर में जेल विभाग के तकनीकी कार्यों के लिए सेवाएं लेना शुरू किया। इसके बाद जेल विभाग की भर्ती परीक्षा के लिए भी सॉफ्टवेयर बनाने में उसने मदद ली।
ऑनलाइन क्लास लेने वाली एक नामी कंपनी ने कैदी को उसकी काबिलियत देखते हुए आठ लाख रुपये सालाना पैकेज पर बतौर साइंस टीचर हायर किया है। कैदी के इस सकारात्मक रुख को देखते हुए जेल विभाग भी उसे हरसंभव सहायता देकर आगे बढ़ने में मदद कर रहा है। हिमाचल में ऐसा पहला मामला है, जब किसी कैदी को किसी शैक्षणिक संस्था ने इतने बड़े पैकेज पर अपने यहां सेवाएं देने के लिए चुना है।