चीनी माल के बहिष्कार को लेकर लार्सन एंड टुब्रो के बयान पर अभी बहस जारी ही थी कि ऑटोमोबाइल कंपनी मारूति सुज़ूकी ने कहा है कि लोगों को याद रखना चाहिए कि पड़ोसी मुल्क के माल पर पाबंदी की वजह से चीज़ों की क़ीमतें बढ़ेंगीं.

मारूति सुज़ूकी के चेयरमैन आरसी भार्गव ने कहा है कि बाहर से माल मंगवाना कंपनियों की मजबूरी है क्योंकि उस क्वालिटी की चीज़ें, उतनी ही क़ीमतों पर भारत में उपलब्ध नहीं हैं.

लंबे समय तक आयात पर निर्भरता बिज़नेस के लिए फ़ायदे का सौदा नहीं है क्योंकि रूपयों की क़ीमत अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में लगातार कम होती जा रही है जिसकी वजह से कंपनियों की लागत पहले से बढ़ गई है लेकिन फिर भी उद्योग और व्यवसाय के पास आयात के सिवा कोई चारा नहीं है.

एल एंड टी के बाद मारूति सुज़ूकी भारत की दूसरी बड़ी कंपनी है जिसने चीनी माल के बॉयकाट को लेकर देश में दिन-ब-दिन तेज़ होती मांग की अव्यावहारिकता को लेकर बयान दिया है.

इंजीनियरिंग और निर्माण क्षेत्र की बड़ी कंपनी एल एंड टी के सीईओ एसएन सुब्रमणयन ने कहा है कि चीनी सामानों का बहिष्कार व्यावहारिक नहीं है.

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