उपायुक्त किन्नौर हेमराज बैरवा की उपस्थिति में आज टी.एस. नेगी राजकीय महाविद्यालय किन्नौर स्थित रिकांग पिओ के खेल मैदान में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण व राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल भटिंडा की 7वीं बटालियन द्वारा माॅक ड्रील का आयोजन किया गया। इस दौरान माॅक ड्रील के माध्यम से प्राकृतिक आपदा, भूकंप से राहत व बचाव के बारे में जानकारी दी गई।
उपायुक्त हेमराज बैरवा ने बताया कि किन्नौर जिला भूकंप व अन्य प्राकृतिक आपदाओं भू-स्खलन, सर्दी के मौसम में ग्लेशियर आदि प्राकृतिक आपदाओं की दृष्टि से संवदेनशील है, इसलिए जिले में ऐसी आपदाओं से निपटने के लिए समय-समय पर तैयारियां व माॅक ड्रील का आयोजन आवश्यक है ताकि आपदा में होने वाले नुकसान का कम किया जा सके। उन्होंने बताया कि भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा की स्थिति में राहत व बचाव योजना के प्रभावी कार्यन्यवन के दृष्टिगत और विभिन्न विभागों में बेहतर समन्वय स्थापित करने के उद्देश्य से यह माॅक ड्रील आयोजित की गई ताकि ऐसी आपदा से निपटने के लिए की गई तैयारियों व कमियों का आंकलन किया जा सके और इन कमियों को दूर करने के ठोस प्रयास किए जा सकें।
किन्नौर जिला के मुख्यालय रिकांग पिओ में आज प्रातः 11ः40 बजे कृत्रिम भूकंप आने की सूचना प्राप्त होती है। भूकंप के कारण उपायुक्त कार्यालय को भारी नुकसान पहुंचने की सूचना मिलती है। दिन का समय होने के कारण कार्यालय में काम कर रहे लगभग 12 से 15 लोग कार्यालय के अंदर ही फस जाते हैं। सूचना मिलते ही जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से जुड़े सभी विभाग सक्रिय हो जाते हैं और सर्वप्रथम लोक निर्माण विभाग उपायुक्त कार्यालय को जोड़ने वाली मुख्य सड़क जो भूकंप के कारण अवरूद्ध हो जाती है को खोलते हैं। इसके उपरान्त गृह-रक्षा विभाग व अग्निशमन विभाग के कर्मचारी चार व्यक्तियों को तथा भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के जवान दो व्यक्तियों को उपायुक्त कार्यालय भवन से सुरक्षित बाहर निकालते हैं तथा टी.एस नेगी राजकीय महाविद्यालय में स्थापित अस्थाई चिकित्सा शिविर में उन्हें प्राथमिक उपचार दिया जाता है, परन्तु अभी भी अन्य लोगों के कार्यालय भवन में फसे होने की आशंका को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा एन.डी.आर.एफ की टीम से संपर्क साधा जाता है और एन.डी.आर.एफ का दल जिला मुख्यालय पहुंच कर तीन व्यक्तियों को सुरक्षित बाहर निकालता है।
उपायुक्त ने कहा कि इस पूर्वाभ्यास का मुख्य उद्देश्य भूकंप जैसी आपदा के समय बेहतर प्रबंधन और आपसी समन्वय से अधिक से अधिक मानव जीवन की रक्षा सुनिश्चित करने, राहत व बचाव कार्यों के त्वरित निष्पादन का आंक्लन कर उन्हें और बेहतर बनाना है।
उपायुक्त ने पूर्वाभ्यास संपन्न होने के उपरान्त आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी अधिकारियों के साथ बचाव व राहत कार्यों को लेकर चर्चा की और राहत व बचाव योजना को और बेहतर बनाने पर विभिन्न विभागों से सुझाव मांगे।
इस दौरान एन.डी.आर.एफ, गृह-रक्षा विभाग, पुलिस, आईटीबीपी, स्वास्थ्य, अग्निशमन विभाग, पशुपालन विभाग व जिला खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा आपदा के समय प्रयोग किए जाने वाले यंत्रों को लेकर प्रदर्शनी भी लगाई गई।
माॅक ड्रील के दौरान सहायक आयुक्त मुनीष कुमार शर्मा, एन.डी.आर.एफ के उप-कमान्डेन्ट मुकेश गौड़, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. सोनम नेगी व अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे तथा माॅक ड्रील के संचालन में अहम भूमिका निभाई।