स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग सोलन की बीसीसी समन्वयक राधा चैहान ने इस अवसर पर प्रतिभागियों को मधुमेह के कारण तथा लक्षणों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि रक्त में शर्करा (शुगर) की मात्रा बढ़ जाने से मधुमेह होता है। बार-बार मूत्र आना, प्यास लगना तथा भोजन करने पर भी वजन का घटना मधुमेह के प्रमुख लक्षण हैं। पैरों की उंगलियों में शीघ्र ठीक न होने वाले घाव हो जाना, फोड़े-फुन्सियां होना, रक्तचाप बढ़ना, जल्दी थक जाना तथा स्त्रियों में मासिक स्त्राव में विकृति या समय पूर्व बंद होना जाना भी मधुमेह के लक्षण माने गए हैं।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 के दौर में मधुमेह रोगियों को विशेष एहतियात बरतने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए सभी सरकार व जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करें। सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनें, बार-बार अपने हाथ साबुन अथवा एल्कोहल युक्त सेनिटाइजर से साफ करें और सोशल डिस्टेन्सिग नियम का पालन करें। आवश्यक स्थिति में ही घर से बाहर निकलें।
आहार विशेषज्ञ प्रेरणा हेटा ने इस अवसर पर कहा कि आहार में परिवर्तन कर मधुमेह को नियन्त्रित किया जा सकता है। मधुमेह पीड़ित रोगी को मेथी, लौकी, करेला, तोरी, शलगम, प्याज, जामुन, लहसुन, बेल फल, टमाटर, बथुआ, पालक, बन्द गोभी तथा पत्तेदार सब्जियां खानी चाहिएं। उन्होंने कहा कि दो भाग गेहूं, एक भाग चना, एक भाग सोयाबीन मिलाकर तैयार आटे की रोटी खाना तथा खट्टे स्वाद वाले फल, सलाद एवं धनिए की चटनी का सेवन मधुमेह रोगी के लिए लाभप्रद है।
किशोर परामर्शदाता ममता ने इस अवसर पर बाल्यावस्था में बच्चों के शारीरिक व मानसिक बदलाव की स्थिति में बच्चों से व्यवहार के बारे में जानकारी प्रदान की। उन्होंने युवाओं को नशे से दूर रखने के बारे में भी जानकारी प्रदान की।
इस अवसर पर वाद-विवाद प्रतियोगिता भी आयोजित की गई।